बारिश के असर को रोकने के लिए क्रिकेट को बंद स्टेडियम में क्यों नहीं कराया जा सकता? आखिर क्या है इसकी वजह, जानिए

अक्सर क्रिकेट के कई मैच बारिश की वजह से धुल जाते हैं। इससे फैंस का मजा भी किरकिरा होता है। ऐसे में कई बार फैंस के मन में यह सवाल उठता है कि क्या क्रिकेट स्टेडियम को ढका नहीं जा सकता है?

By विनीत कुमार | Published: June 1, 2023 09:40 PM2023-06-01T21:40:11+5:302023-06-01T21:45:55+5:30

Why Cricket Can’t be played in Closed stadiums to avoid Rain effect, what is the readon | बारिश के असर को रोकने के लिए क्रिकेट को बंद स्टेडियम में क्यों नहीं कराया जा सकता? आखिर क्या है इसकी वजह, जानिए

क्रिकेट को बंद स्टेडियम में क्यों नहीं कराया जा सकता? (फाइल फोटो)

googleNewsNext

नई दिल्ली: क्रिकेट का खेल सबसे पुराने खेलों में से एक है। यह खेल दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में खेला जाता है और दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। वैसे, क्रिकेट फैंस के लिए एक बड़ी मुश्किल अक्सर ये आती है कि कई बार बारिश के कारण खेल को रोकना पड़ता है। इससे फैंस का मजा किरकिरा हो जाता है।

इसका हाल में एक उदाहरण आईपीएल के फाइनल में देखने को मिला। चेन्नई सुपर किंग्स और गुजरात टाइटन्स के बीच फाइनल 28 मई, रविवार को होना था। हालांकि अहमदाबाद में बारिश की वजह से इसे अगले दिन यानी रिजर्व डे के लिए टाला गया। दूसरे दिन भी बारिश ने खलल डाली और किसी तरह मैच पूरा हुआ।

ऐसे में एक बड़ा सवाल आता है। क्रिकेट प्रशंसक होने के नाते, हर किसी के मन में यह बात होती है कि बारिश के प्रभाव से बचने के लिए एक क्रिकेट स्टेडियम को पूरी तरह से छत से क्यों नहीं ढका जा सकता है? क्या है इसके पीछे की वजह, आईए जानते हैं।

क्रिकेट स्टेडियम को पूरी तरह क्यों नहीं ढका जाता?

दरअसल, अन्य खेलों से इतर एक क्रिकेट मैच बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि पिच कैसा व्यवहार करेगी और प्राकृतिक परिस्थितियां क्या होंगी। मौसम की स्थिति के कारण गेंदों का स्विंग होना और इसकी गति आदि भी मैच में अहम भूमिका निभाती है। SENA देशों में गेंदों में स्विंग और गति होती है लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप में गेंद स्पिन काफी होती है। लेकिन अगर खेल बंद स्टेडियम में खेला जाता है, तो गेंद की कोई स्वाभाविक गति नहीं होगी, चाहे धूप हो या बादल।

इसके पीछे एक और बड़ी वजह बजट है। इस तथ्य के बावजूद कि क्रिकेट बहुत तेजी से बढ़ रहा है और कई देश इस खेल को अपना रहे हैं, फिर भी संबंधित बोर्डों को बंद क्रिकेट स्टेडियमों में मैच कराने के लिए पर्याप्त धन चाहिए। एक पारंपरिक क्रिकेट स्थल की तुलना में एक बंद स्टेडियम बनाना लगभग दोगुना महंगा है।

एक और बड़ा कारण यह भी है कि बल्लेबाज द्वारा गेंद को हिट किए जाने के बाद गेंद की ऊंचाई क्या होगा या यह कितनी ऊंचाई तक जाएगी, इसका अंदाजा लगाना भी बड़ा मुश्किल है। ऐसे में अगर यह छत से टकराती है, तो एक फील्डर के लिए गेंद को पकड़ना भी काफी मुश्किल होगा।

कई बार अच्छे शॉट शायद सीमा रेखा के अंदर ही रह जाएं। इसके साथ ही गेम में कोई सूरज की रोशनी नहीं होगी और कृत्रिम रोशनी में खेलना हमेशा बहुत महंगा भी होता है। ये कुछ ऐसी वजहें हैं जिसकी वजह से बंद क्रिकेट स्टेडियम प्रभावी नहीं है और इस बारे में ज्यादा बात नहीं होती। वैसे बताते चलें कि ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में इंडोर क्रिकेट स्टेडियम भी बना है लेकिन यह आइडिया ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो सका।

Open in app