Highlightsभारत की अंडर-19 एक दिवसीय क्रिकेट टीम के कप्तान बनाए गए मोहम्मद अमान16 साल की उम्र में मोहम्मद अमान पिता गुजर गए मां सायबा की 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान मृत्यु हो गई थी
India’s Under-19 captain Amaan: भारत की अंडर-19 एक दिवसीय क्रिकेट टीम के कप्तान बनाए गए मोहम्मद अमान की कहानी आपको रुला देगी। 16 साल की उम्र में मोहम्मद अमान पिता गुजर गए और तीन छोटे भाई-बहनों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। इससे पहले उनकी मां सायबा की 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान मृत्यु हो गई थी। पिता, मेहताब, एक ट्रक ड्राइवर थे। मां की मौत के बाद पिता की नौकरी भी छूट गई और लंबी बीमारी के बाद उनकी मृत्यु हो गई।
यहां से अमान के पास दो विकल्प थे। या तो वह क्रिकेट खेलना जारी रखे, या अपना सपना छोड़ दे और छोटी-मोटी नौकरी की तलाश लेते। लेकिन फिर भी अमान ने हिम्मत नहीं हारी। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के निवासी अमान को 18 साल की उम्र में भारत की अंडर-19 एक दिवसीय क्रिकेट टीम का कप्तान नामित किया गया है जो अगले महीने पुडुचेरी में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 से भिड़ेगी। टीम में भारत के पूर्व कप्तान और विश्व कप विजेता कोच राहुल द्रविड़ के बेटे समित द्रविड़ भी शामिल हैं।
ट्रेन के जनरल डिब्बे में शौचालय के पास बैठकर यात्रा की
मोहम्मद अमान कहते हैं कि जब मैंने अपने पिता को खोया, तो ऐसा लगा जैसे मैं अचानक एक ही दिन में बड़ा हो गया। मैं परिवार का मुखिया था और मुझे अपनी छोटी बहन और दो भाइयों की देखभाल करनी थी। मैंने खुद से कहा कि मुझे क्रिकेट छोड़ना होगा और यहां तक कि मैंने सहारनपुर में नौकरी भी ढूंढी। लेकिन कुछ लोग चाहते थे कि मैं अपना खेल जारी रखूँ और मदद करने को तैयार थे। मैं अब अपना खाना कभी बर्बाद नहीं करता क्योंकि मैं जानता हूं कि इसे कमाना कितना कठिन है। हमारे पास कानपुर में यूपीसीए (उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन) के आयु वर्ग के ट्रायल होते थे, मैं ट्रेन के जनरल डिब्बे में शौचालय के पास बैठकर यात्रा करता था क्योंकि वहां बहुत भीड़ होती थी। अब, जब मैं फ्लाइट से यात्रा करता हूं और किसी अच्छे होटल में रुकता हूं, तो मैं इसके लिए भगवान को धन्यवाद देता हूं।
मोहम्मद अमान ने क्रिकेट से मिलने वाली फीस से ही परिवार का खर्च चलाया। छोटी उम्र में ही जब अमान पर घर चलाने की जिम्मेदारी आई तो उन्होंने अपने कोच राजीव गोयल से कहा कि कोई कपड़े के दुकान पर नौकरी लगा दो, घर में पैसे नहीं हैं। कोच ने उन्हें अकादमी में आने और युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए कहा। ह रोजाना आठ घंटे मैदान पर रहते थे। यह वह कड़ी मेहनत है जिसका फल मिला है।
वीनू मांकड़ ट्रॉफी में चमके
मोहम्मद अमान ने क्रिकेट के मैदान में जलवा बिखेरा और जल्द ही अपना नाम बना लिया। पिछले सीज़न में, अमान ने वीनू मांकड़ ट्रॉफी में यूपी अंडर -19 टीम के लिए आठ पारियों में चार अर्धशतक सहित 363 रन बनाए। वह अंडर-19 चैलेंजर सीरीज में 98 की औसत से 294 रन बनाकर दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी थे। इस साल की शुरुआत में, वह दक्षिण अफ्रीका में अंडर-19 विश्व कप के लिए स्टैंड-बाय थे।
भारत का अंडर-19 कप्तान बनाए जाने के बाद अमान ने बताया कि मेरे पिता को मेरा क्रिकेट खेलना कभी पसंद नहीं था। वह हमेशा मुझसे कहते थे कि 'ये अमीरों का खेल है, गरीबों का कुछ नहीं होता। मैंने उनकी कभी नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि जब मेरे पिता ने 2016 में अपनी नौकरी खो दी, तो हमें अपना घर बेचना पड़ा और उस पैसे का इस्तेमाल घर चलाने के लिए करना पड़ा। काश मेरे माता-पिता यह दिन देख पाते, तो उन्हें बहुत गर्व होता।