KL Rahul Border-Gavaskar Trophy 2023: 47 टेस्ट और औसत 33.44, 81 पारी में केवल 20 बार 50 रन का आंकड़ा पार किया, धवन और मयंक बाहर तो राहुल क्यों नहीं

KL Rahul Border-Gavaskar Trophy 2023: भारत के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली किसी मुद्दे में आमतौर पर एक मत नहीं रखते, लेकिन राहुल को लेकर इन दोनों दिग्गजों की सोच भी एक जैसी है।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 20, 2023 06:49 PM2023-02-20T18:49:08+5:302023-02-20T18:50:09+5:30

KL Rahul 47 Test match 2642 runs average 33-44 crossed 50-run mark only 20 times in 81 innings what chance Border-Gavaskar Trophy 2023  | KL Rahul Border-Gavaskar Trophy 2023: 47 टेस्ट और औसत 33.44, 81 पारी में केवल 20 बार 50 रन का आंकड़ा पार किया, धवन और मयंक बाहर तो राहुल क्यों नहीं

इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में मुश्किल परिस्थितियों में शतकीय पारियां खेली थी।

googleNewsNext
Highlightsराहुल सात टेस्ट पारियों में प्रभावित करने में नाकाम रहे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट की तीन पारियों से पहले बांग्लादेश के खिलाफ चार पारियों में भी उनका प्रदर्शन लचर रहा। इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में मुश्किल परिस्थितियों में शतकीय पारियां खेली थी।

KL Rahul Border-Gavaskar Trophy 2023: लोकेश राहुल लगातार विफलता के बाद भी भारतीय टेस्ट टीम में बने हुए है जिससे टीम प्रबंधन पर उनका जरूरत से ज्यादा साथ देने का आरोप लग रहा है। भारतीय क्रिकेट में इतनी विफलता के बाद भी शायद ही कोई खिलाड़ी इतने लंबे समय तक टीम में बना रहा हो जो काफी हैरान करने वाला मामला है।

ऐसे में सवाल उठता है कि राहुल के पास क्या अत्यधिक कौशल है या वह जरूरत से ज्यादा उनका समर्थन किया जा रहा है। भारत के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली किसी मुद्दे में आमतौर पर एक मत नहीं रखते लेकिन राहुल को लेकर इन दोनों दिग्गजों की सोच भी एक जैसी है।

कोहली ने एशिया कप के दौरान अफगानिस्तान के खिलाफ जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना 71वां शतक लगाया था तब भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) टेलीविजन के लिए रोहित को दिये साक्षात्कार में कोहली ने कहा था, ‘‘ हमें राहुल के योगदान को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि हम जानते हैं कि विश्व कप से पहले राहुल का लय में होना कितना महत्वपूर्ण है।

हम जानते हैं कि वह इस प्रारूप में क्या कर सकता है, बहुत आसानी से बड़ा शॉट खेल सकता है और एक बार जब वह टी20 क्रिकेट में अच्छी बल्लेबाजी करता है तो हमारी टीम और भी मजबूत दिखती है।’’ इस वीडियो में राहुल का जिक्र होना ऐसा लग रहा था कि जानबूझ कर उनकी तरफदारी की जा रही हो।

इस बातचीत के छह महीने बीत जाने के बाद भी राहुल सात टेस्ट पारियों में प्रभावित करने में नाकाम रहे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट की तीन पारियों से पहले बांग्लादेश के खिलाफ चार पारियों में भी उनका प्रदर्शन लचर रहा। मौजूदा टीम प्रबंधन के तीन वरिष्ठ लोगों ने पिछले दो सप्ताह में राहुल के बचाव में एक जैसे तर्क दिये कि उन्होंने इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में मुश्किल परिस्थितियों में शतकीय पारियां खेली थी। टीम के बल्लेबाजी को विक्रम राठौर ने नागपुर टेस्ट के दौरान राहुल को लेकर सवाल पर कहा था, ‘‘ ईमानदारी से कहूं तो राहुल ने पिछले 10 टेस्ट में दो शतक बनाये है।

इसमें से एक इंग्लैंड और दूसरा दक्षिण अफ्रीका में आया है। उन्होंने दो अर्धशतक भी लगाये है।’’ दिल्ली में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के बाद भारतीय कोच राहुल द्रविड़ और रोहित ने भी इस सलामी बल्लेबाज को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया दी। रोहित ने कहा, ‘‘ यह सिर्फ राहुल के बारे में नहीं है बल्कि यह किसी भी खिलाड़ी की कहानी हो सकती है।

अगर आप विदेश में लगाये उनके शतकों को देखे तो, मेरे लिये वह उनकी सर्वश्रेष्ठ पारियां थी। खासकर लॉर्ड्स में खेली गयी शतकीय पारी। टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी का न्योता मिलने के बाद तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर उन्होंने शतक लगाया था। यह आसान नहीं था। सेचुरियन में उन्होंने ऐसी ही पारी खेली और टीम को दोनों मैचों में जीत मिली थी।

द्रविड़ ने भी कप्तान की बातों को दोहराया। इससे पहले जब रवि शास्त्री टीम के कोच और संजय बांगर बल्लेबाजी कोच थे जब कोहली की अगुवाई वाली टीम में भी राहुल का समर्थन किया जाता था। रिकॉर्ड की बात करे तो 47 टेस्ट मैचों में राहुल का औसत महज 33.44 रन कर है। उन्हें मौके दिये जाने के कारण शानदार लय में चल रहे प्रतिभाशाली युवा शुभमन गिल को अंतिम एकादश से बाहर बैठना पड़ रहा है।

पिछले पांच में भारतीय टीम की ओर से टेस्ट मैच खेलने वाले सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और मयंक अग्रवाल से तुलना करे तो यहां भी राहुल दोनों से पिछड़ते दिखेगे। राहुल के नाम 81 टेस्ट पारियां हैं और उन्होंने केवल 20 बार 50 रन का आंकड़ा पार किया है, जिसमें सात शतक और 13 अर्धशतक शामिल हैं।

मयंक अग्रवाल के पास 36 टेस्ट पारियां हैं और 50 से अधिक की 10 पारियां हैं, जिसमें चार शतक और छह अर्धशतक शामिल हैं। धवन ने 58 पारियों में 12 बार  50 रन के आंकड़े को पार किया है। उन्होंने सात शतक और पांच अर्धशतक जड़ें है। गौर करने वाली बात यह है कि 2018 में अपना आखिरी टेस्ट खेलने वाले धवन और मयंक को लगातार चार टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद टीम से बाहर कर दिया गया था। 

Open in app