गौतम गंभीर को पिछले छह दिन में तीसरी बार मिली जान से मारने की धमकी

By भाषा | Published: November 28, 2021 01:33 PM2021-11-28T13:33:21+5:302021-11-28T13:33:21+5:30

Gautam Gambhir received death threats for the third time in the last six days | गौतम गंभीर को पिछले छह दिन में तीसरी बार मिली जान से मारने की धमकी

गौतम गंभीर को पिछले छह दिन में तीसरी बार मिली जान से मारने की धमकी

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नयी दिल्ली, 28 नवंबर पूर्व क्रिकेटर और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गौतम गंभीर को कथित रूप से ‘आईएसआईएस कश्मीर’ ने जान से मारने की एक बार फिर शनिवार देर रात धमकी दी। सांसद गंभीर को पिछले छह दिन में तीसरी बार इस प्रकार की धमकी मिली है।

गंभीर को ‘आईएसआईएसकश्मीरऐटदरेटयाहूडॉटकॉम’ से शनिवार देर रात एक बजकर 37 मिनट पर एक ईमेल मिला, जिसमें लिखा है, ‘‘आपकी दिल्ली पुलिस और आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) की अधिकारी श्वेता (पुलिस उपायुक्त) कुछ नहीं उखाड़ सकतीं। हमारे जासूस पुलिस में भी हैं। आपके बारे में पूरी जानकारी मिल रही है।’’

इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें ई-मेल की विषयवस्तु प्राप्त हो गई है और मामले की जांच की जारी है।

गंभीर को मंगलवार औैर बुधवार को भी इसी प्रकार की धमकियां मिली थीं। गंभीर के निजी सचिव गौतम अरोड़ा द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, सांसद को मंगलवार रात नौ बजकर 32 मिनट पर उनके आधिकारिक ई-मेल आईडी पर जान से मारने की पहली धमकी दी गई। यह ई-मेल कथित रूप से आईएसआईएस कश्मीर ने भेजा था, जिसमें लिखा था, ‘‘हम आपको और आपके परिवार को जान से मार देंगे।’’

पुलिस उपायुक्त (मध्य) श्वेता चौहान ने कहा था, ‘‘शिकायत मिलने के बाद, जिला पुलिस ने गंभीर की निजी सुरक्षा और उनके राजेंद्र नगर इलाके में स्थित आवास के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।’’

इसके तुरंत बाद पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गूगल को पत्र लिखकर उस ईमेल आईडी के संचालक समेत अन्य संबंधित जानकारी मांगी, जिससे कथित धमकी भरे मेल भेजे गए।

पुलिस ने बताया कि पुलिस उपायुक्त को फोन पर जानकारी दी गई कि गंभीर को बुधवार दोपहर दो बजकर 32 मिनट पर इसी ई-मेल आईडी से दूसरी बार धमकी दी गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि दूसरे ई-मेल में गंभीर के आवास का एक वीडियो भी संलग्न था।

दूसरे ई-मेल में कहा गया, ‘‘हम आपको जान से मारना चाहते थे, लेकिन आप कल बच गए। यदि आपको अपने परिवार की जान प्यारी है, तो राजनीति औैर कश्मीर के मामले से दूर रहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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