ग्राहम थोर्प ने अवसाद और चिंता से जूझने के बाद जान गंवाई, पत्नी ने किया खुलासा

इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थोर्प पिछले दो वर्षों में अपने खराब स्वास्थ्य के कारण अवसाद और चिंता से जूझ रहे थे जिसके कारण आखिर में उनकी जान चली गई। थोर्प की पत्नी अमांडा ने यह खुलासा किया है।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 12, 2024 03:33 PM2024-08-12T15:33:11+5:302024-08-12T15:34:28+5:30

England cricketer Graham Thorpe wife disclosed husband ended his life depression and anxiety | ग्राहम थोर्प ने अवसाद और चिंता से जूझने के बाद जान गंवाई, पत्नी ने किया खुलासा

थोर्प का पांच अगस्त को 55 साल की उम्र में निधन हो गया था

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Highlightsथोर्प का पांच अगस्त को 55 साल की उम्र में निधन हो गया थाग्राहम थोर्प ने अवसाद और चिंता से जूझने के बाद जान गंवाईथोर्प की पत्नी अमांडा ने यह खुलासा किया है

England cricketer Graham Thorpe: इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थोर्प पिछले दो वर्षों में अपने खराब स्वास्थ्य के कारण अवसाद और चिंता से जूझ रहे थे जिसके कारण आखिर में उनकी जान चली गई। थोर्प की पत्नी अमांडा ने यह खुलासा किया है। थोर्प का पांच अगस्त को 55 साल की उम्र में निधन हो गया था। 

उनके निधन की घोषणा इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने की थी लेकिन इसका कारण नहीं बताया था। अब उनकी पत्नी ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन को दिए एक साक्षात्कार में खुलासा किया है कि उन्होंने निधन से पहले खुद के साथ एक लंबी मानसिक और शारीरिक लड़ाई लड़ी थी।

'द टाइम्स' ने थोर्प की पत्नी के हवाले से कहा, "पत्नी और दो बेटियां होने के बावजूद, जिनसे वह बहुत प्यार करते थे और जो उन्हें दिलो जान से चाहते थे, वह स्वस्थ नहीं हो पाए।" उन्होंने कहा, "वह हाल के दिनों में काफी अस्वस्थ थे और वास्तव में उन्हें लगता था कि उनके बिना हम बेहतर जिंदगी व्यतीत करेंगे लेकिन उन्होंने अपनी जान गंवा दी और हम बर्बाद हो गए।"

थोर्प की याद में पिछले शनिवार को फ़र्नहैम क्रिकेट क्लब और चिपस्टेड क्रिकेट क्लब के बीच मैच शुरू होने से पहले एक समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें उनकी पत्नी और बेटियों किटी (22) और एम्मा (19) ने भाग लिया था। अमांडा ने कहा,, "ग्राहम पिछले कुछ वर्षों से अवसाद और चिंता से पीड़ित थे। इस कारण उन्होंने मई 2022 में अपनी जान लेने की कोशिश की जिस वजह से उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष में कई दिन बिताने पड़े। वह अवसाद और चिंता से ग्रस्त थे जो कभी-कभी बेहद गंभीर हो जाते थे।"

(इनपुट- भाषा)

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