ENG vs IND, 1st Test: बेन डकेट के शानदार 149 रनों की बदौलत इंग्लैंड ने चौथी पारी में 371 रनों के लक्ष्य को हासिल कर लिया और एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच के पांचवें दिन मंगलवार को भारत पर 1-0 की बढ़त ले ली। खेल के अंतिम दिन भारत ने अधिकांश समय तक अपनी जीत की कोई भी उम्मीद नहीं लगाई, जब तक कि शार्दुल ने दो में से दो विकेट लेकर डकेट और ब्रूक को वापस नहीं भेज दिया। लेकिन, अनुभवी जो रूट ने टीम को फिनिश लाइन तक पहुंचाया।
भारतीय गेंदबाजों के लचर प्रदर्शन और ढीली फील्डिंग का पूरा फायदा उठाते हुए बेन डकेट के शानदार शतक की मदद से इंग्लैंड ने 371 रन का लक्ष्य आसानी से हासिल किया। डकेट ने 170 गेंद में 21 चौकों और एक छक्के की मदद से 149 रन बनाये जबकि जैक क्रॉली ने 65 रन की पारी खेली। दोनों ने पहले विकेट के लिये 188 रन की साझेदारी करके भारत की मैच में वापसी के सारे रास्ते बंद कर दिये थे।
इसके बाद जो रूट ने 53 और जैमी स्मिथ ने 44 रन बनाकर टीम को जीत तक पहुंचाया। पांच मैचों की श्रृंखला में अब इंग्लैंड 1-0 से आगे है। भारत की ओर से इस मैच में पांच शतक बने लेकिन इसके बावजूद टीम को पराजय का सामना करना पड़ा।
इसके लिये खराब क्षेत्ररक्षण भी जिम्मेदार रहा चूंकि भारतीयों ने कई कैच टपकाये। जसप्रीत बुमराह को दूसरे छोर से गेंदबाजी में सहयोग नहीं मिल पाने से भी भारत की मुश्किलें बढी। भारतीय गेंदबाजों ने सिर्फ दूसरी पारी में ही 44 चौके और तीन छक्के दे डाले। पहली पारी में 54 चौके और पांच छक्के लगे थे। दो जुलाई से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में अभी समय है लेकिन गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव तय है ताकि मैच में पूरे 20 विकेट लिये जा सकें।
आखिरी सत्र में रविंद्र जडेजा ने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को शुभमन गिल के हाथों लपकवाया। उस समय इंग्लैंड को 69 रन की जरूरत थी लिहाजा रूट ने 150 से अधिक टेस्ट के अपने अनुभव का बखूबी इस्तेमाल करके युवा स्मिथ के साथ मेजबान को मंजिल तक पहुंचाया।
भारत की ओर से यशस्वी जायसवाल ने चार कैच टपकाये। कप्तान गिल की अनुभवहीनता भी साफ नजर आई जिनके कुछ फैसले और रणनीति सटीक नहीं रही। एक समय तो ऐसा लग रहा था कि सबसे अनुभवी बल्लेबाज केएल राहुल कप्तानी कर रहे हैं। इस हार के साथ ही पारंपरिक प्रारूप में कोच गौतम गंभीर का रिकॉर्ड और खराब हो गया।
गंभीर के कोच रहते भारत अब 11 में से सात टेस्ट हार चुका है । यह आंकड़ा दोहरे अंकों में भी पहुंचने का डर है क्योंकि बुमराह बाकी चार में से दो मैच नहीं खेलेंगे। शार्दुल ठाकुर ने पूरे मैच में 16 ओवर डाले और दो विकेट चटकाये।
रविंद्र जडेजा जिस तरह से लय के लिये जूझते नजर आये , कुलदीप यादव को नहीं खिलाने के फैसले पर टीम प्रबंधन जरूर मलाल कर रहा होगा। प्रसिद्ध कृष्णा ने मैच में पांच विकेट लिये लेकिन जिस तरह से उनकी गेंदों पर चौके पड़े हैं, वह भरोसेमंद गेंदबाज नजर नहीं आते। ऐसे में सीम और स्विंग गेंदबाजी के महारथी ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी की कमी खली। बायें हाथ के बल्लेबाज डकेट ने सुबह के सत्र में बुमराह को संभलकर खेला। बुमराह ने 19 ओवर में 57 रन दिये लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
डकेट और जैक क्रॉली (65) ने पहले विकेट के लिये 188 रन की साझेदारी की। लंच के बाद कुछ देर बारिश होने से भारत को फायदा मिला और सुबह नाकाम रहे कृष्णा ने 15 ओवर में 92 रन देकर दो विकेट लिये। उन्होंने क्रॉली को स्लिप में राहुल के हाथों लपकवाया।
इसके बाद पहली पारी में शतक लगाने वाले ओली पोप (आठ) को पवेलियन भेजा। दोहरे झटकों के बावजूद डकेट ने आक्रामक बल्लेबाजी जारी रखी। सुबह के सत्र में बुमराह ने अच्छी गेंदबाजी की लेकिन दूसरे छोर से सहयोग नहीं मिला। सिराज और ठाकुर पर इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने दबाव बनाये रखा। डकेट को सिराज की गेंद पर जायसवाल से जीवनदान भी मिला। जडेजा को पिच से कोई मदद नहीं मिली और डकेट ने उन्हें कई अच्छे रिवर्स स्वीप लगाये।
एक रिवर्स स्वीप पर उन्होंने चौका लगाया तो दूसरी पर एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से छक्का जड़ा । कुलदीप जैसे फॉर्म में चल रहे स्पिनर को नहीं उतारने का भारत को खामियाजा भुगतना पड़ा। शार्दुल ने डकेट और हैरी ब्रूक (0) को आउट करके भारत को मैच में लौटाने की कोशिश की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डकेट ने कवर में नीतिश रेड्डी को कैच थमाया जबकि ब्रूक ने विकेट के पीछे ऋषभ पंत को कैच दिया।