Highlightsआतंकवादी हमले के बाद से यह देश में कई अंतरराष्ट्रीय टीमों की मेजबानी नहीं कर पाया है। पाकिस्तान दौरे पर खेली जाने वाली द्विपक्षीय श्रृंखला से पीछे हट गये थे।पड़ोसी देशों के बीच 2012 के बाद से किसी द्विपक्षीय क्रिकेट का आयोजन नहीं हुआ है।
Champions Trophy 2025 in Pakistan: पाकिस्तान को 2025 चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी सौंपने के बाद आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) को भरोसा है कि एक दशक से अधिक समय तक वहां खेलने को लेकर ऐतराज के बावजूद अब टीमों को इस वैश्विक टूर्नामेंट के लिए कोई परेशानी नहीं होगी।
आईसीसी ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान को 2025 चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी का अधिकार दिया था। इससे दो दशकों से अधिक समय के बाद पाकिस्तान में बड़े टूर्नामेंट की वापसी होगी। पिछली बार पाकिस्तान ने अपनी सरजमीं पर 1996 विश्व कप के रूप में आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी की थी। उस विश्व कप में भारत और श्रीलंका भी सह-मेजबान थे। श्रीलंका की टीम की बस पर 2009 में लाहौर में हुए आतंकवादी हमले के बाद से यह देश में कई अंतरराष्ट्रीय टीमों की मेजबानी नहीं कर पाया है।
आईसीसी के अध्यक्ष ग्रेग बार्कले ने ‘मीडिया राउंडटेबल’ के दौरान कहा, ‘‘इसका जवाब हां है, हम अब तक जो देख रहे है उसके मुताबिक बिल्कुल हां (टीमें यात्रा करेंगी)।’’ बार्कले ने कहा, ‘‘आईसीसी क्रिकेट आयोजन कई वर्षों के बाद पाकिस्तान में वापस आ रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में जो हुआ उसे छोड़कर यह सब बिना किसी मुद्दे के आगे बढ़ा है।’’
इस साल सितंबर में, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड सुरक्षा चिंताओं के कारण पाकिस्तान दौरे पर खेली जाने वाली द्विपक्षीय श्रृंखला से पीछे हट गये थे। बार्कले ने जोर देकर कहा कि अगर आईसीसी को लगता कि पाकिस्तान सफलतापूर्वक इसका आयोजन नहीं कर सकेगा तो उसे मेजबानी का अधिकार नहीं देता।
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर हमें पाकिस्तान की मेजबानी पर संदेह होता तो हम इस आयोजन का अधिकार उसे नहीं देते।’’ टूर्नामेंट में भारत की भागीदारी एक संदेह बनी हुई है क्योंकि भारत में आतंकी हमलों के बाद राजनयिक तनाव के कारण दोनों पड़ोसी देशों के बीच 2012 के बाद से किसी द्विपक्षीय क्रिकेट का आयोजन नहीं हुआ है।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछले सप्ताह कहा था कि चैम्पियन्स ट्रॉफी में भारत की भागीदारी पर फैसला समय आने पर लिया जाएगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय टीमों के लिए पड़ोसी देश का दौरा करने के लिए अभी भी सुरक्षा मुद्दे हैं। बार्कले ने इसे चुनौतीपूर्ण मुद्दा करार देते उम्मीद जतायी कि क्रिकेट के जरिये दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हो सकती है।
दो साल का टी20 विश्व कप चक्र क्रिकेट के विकास के लिये अहम : आईसीसी
आईसीसी ने सोमवार को कहा कि दो साल का टी20 विश्व कप चक्र क्रिकेट के विकास के लिये अच्छा है क्योंकि सभी सदस्य यह प्रारूप खेलते हैं । अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पिछले सप्ताह 2024 से 2031 के बीच आईसीसी टूर्नामेंटों का ऐलान किया जिसमें हर साल एक टूर्नामेंट खेला जायेगा।
आईसीसी के सीईओ ज्यौफ अलार्डिस ने ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा ,‘‘ अलग अलग प्रारूप में अलग अलग टूर्नामेंट खेले जाने हैं । हर दो साल में टी20 विश्व कप कराने का फैसला अच्छा है क्योंकि सभी सदस्य इस प्रारूप को खेलते हैं और यह क्रिकेट के विकास के लिये अच्छा रहेगा।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ यूएई और ओमान में हाल ही में हुआ टूर्नामेंट पांच साल में पहला था । आजकल इतना टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला जा रहा है और हमारे इतने सदस्य इसे खेलते हैं कि यह अंतराल लंबा था।’
उन्होंने कहा ,‘‘ हम दो साल में एक बार इसे कराना चाहते हैं ।’’ आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ यह काफी लोकप्रिय टूर्नामेंट है ।छोटा भी है और वनडे प्रारूप में काफी रोचक भी । क्रिकेट विश्व कप के चार साल के चक्र के बीच में यह अच्छा टूर्नामेंट है।’’ चैम्पियंस ट्रॉफी आखिरी बार 2017 में हुई थी और अब 2025 में खेली जायेगी । हाल ही में टी20 विश्व कप में टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनने वाली टीमें ही जीतती आई । इस बारे में पूछने पर अलार्डिस ने कहा कि अगली बार ऐसा नहीं होगा ।
उन्होंने कहा ,‘‘ क्रिकेट में ऐसा होता है कि जब कोई बात चलन की तरह होने लगती है तो टीमें और विरोधी उसका जवाब तलाशने लगते हैं। अगर ऐसा लगता है कि टॉस जीतने से ही मैच जीते जाते हैं तो मुझे यकीन है कि 12 महीने बाद आस्ट्रेलिया में जब यह टूर्नामेंट खेला जायेगा तो ऐसा नहीं होगा ।
आईसीसी ने पिछले सप्ताह अफगानिस्तान में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर क्रिकेट की समीक्षा के लिये एक कार्यसमूह का गठन किया है। आईसीसी अध्यक्ष ग्रेग बार्कले ने कहा ,‘‘ अफगानिस्तान आईसीसी का पूर्णकालिक सदस्य है। हम वहां महिला और पुरुष क्रिकेट कार्यक्रम को मदद जारी रखना चाहते हैं। हम वह करते रहेंगे लेकिन आईसीसी का सदस्य बने रहने के लिये कुछ मानदंडों पर खरा उतरना जरूरी है । हमने उनका उल्लंघन नहीं देखा है और आईसीसी के सदस्य के तौर पर हम उसकी मदद करते रहेंगे । ’’