Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी पर घमासान तेज?, आईसीसी, बीसीसीआई और पीसीबी में रार, 29 नवंबर को वर्चुअल बैठक, जानें अपडेट

champions Trophy 2025: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) चाहता है कि टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में खेला जाए जिसमें भारत के मुकाबले किसी तीसरे देश में आयोजित किए जाएं।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 26, 2024 07:42 PM2024-11-26T19:42:00+5:302024-11-26T19:44:40+5:30

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HighlightsChampions Trophy 2025: भारत की पसंद यूएई है। Champions Trophy 2025: पीसीबी ने सहमति नहीं जताई है।Champions Trophy 2025: मामले को सुलझाने के इच्छुक होंगे।

Champions Trophy 2025: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का बोर्ड अगले साल फरवरी-मार्च में पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए 29 नवंबर को वर्चुअल (ऑनलाइन) बैठक करेगा। टूर्नामेंट का कार्यक्रम घोषित करने में काफी विलंब हो चुका है। देरी का कारण भारत द्वारा दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए पाकिस्तान में खेलने से इनकार करना है। भारत ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) चाहता है कि टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में खेला जाए जिसमें भारत के मुकाबले किसी तीसरे देश में आयोजित किए जाएं। भारत की पसंद यूएई है। इस पर अब तक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने सहमति नहीं जताई है।

आईसीसी के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया, ‘‘आईसीसी बोर्ड चैंपियंस ट्रॉफी के कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए 29 नवंबर को बैठक करेगा।’’ यह महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक बीसीसीआई सचिव जय शाह के एक दिसंबर को आईसीसी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने से दो दिन पहले हो रही है। वह और बोर्ड के अन्य सदस्य नए पदाधिकारियों के कार्यभार संभालने से पहले मामले को सुलझाने के इच्छुक होंगे।

कार्यक्रम और स्थल को लेकर गतिरोध नहीं टूटने के कारण आईसीसी के अध्यक्ष ग्रेग बार्क्ले और सीईओ ज्यौफ अलार्डिस सहित मौजूदा पदाधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने आखिर क्यों इस मुद्दे का पहले हल नहीं निकाला और इसे अंतिम समय के लिए छोड़ दिया। भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए यथास्थिति बरकरार रखी है।

जिससे चैंपियन्स ट्रॉफी का आयोजन हाइब्रिड मॉडल के तहत कराना ही सबसे व्यावहारिक विकल्प नजर आ रहा है। ऐसी स्थिति में भारत के मुकाबले पाकिस्तान के बाहर होंगे। सूत्रों ने कहा है कि पीसीबी अगर हाइब्रिड मॉडल पर राजी होता है तो उसे सात करोड़ डॉलर की मेजबानी फीस के अलावा वित्तीय प्रोत्साहन की पेशकश की जाएगी।

इस तरह का मॉडल पिछले साल अपनाया गया था जब भारत ने अपने एशिया कप मुकाबले श्रीलंका में खेले थे जबकि पाकिस्तान ने चार ग्रुप मुकाबलों की मेजबानी की थी। पीसीबी ने कराची, रावलपिंडी और लाहौर में स्टेडियम के नवीनीकरण पर लाखों डॉलर खर्च किए है। चैंपियन्स ट्रॉफी 1996 में पाकिस्तान की सह मेजबानी में हुए विश्व कप के बाद देश में होने वाली पहली आईसीसी प्रतियोगिता होगी।

श्रीलंका की टीम बस पर 2009 में हुए हमले के कारण वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की मेजबानी से महरूम रहे पाकिस्तान ने हाल में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया सहित बड़ी टीमों की अपने देश में मेजबानी की है। आईसीसी ने 2021 में पाकिस्तान को चैंपियन्स ट्रॉफी की मेजबानी दी थी इसलिए पीसीबी पर प्रशंसकों का लगातार दबाव पड़ रहा है कि वे सभी मुकाबलों का आयोजन देश में करें।

पीसीबी ने साथ ही धमकी दी है कि अगर भारत चैंपियन्स ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान नहीं आता तो वह भी अपनी राष्ट्रीय टीम को भविष्य में होने वाली आईसीसी प्रतियोगिताओं के लिए वहां नहीं भेजेगा। पाकिस्तान ने पिछले साल एकदिवसीय विश्व कप के लिए भारत का दौरा किया था और यह सात साल में टीम का पहला भारत दौरा था। भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से सिर्फ आईसीसी प्रतियोगिताओं और एशिया कप में ही खेलते हैं।

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