Highlightsसिर्फ उस प्रक्रिया को दोहराएं जो अब तक उनके लिए सफल रही है।कहां से शुरू हुआ कि आपको कोई ऐसा खिलाड़ी चाहिए जो बहुत तेजी से रन बनाए। पिछले साल हमारा कोई टेस्ट मैच पांच दिन तक नहीं गया।
Border-Gavaskar series: ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने अपने नए सलामी जोड़ीदार नाथन मैकस्वीनी का समर्थन करते हुए उनसे कहा है कि वह पर्थ में भारत के खिलाफ डेविड वार्नर की तरह खेलने का प्रयास करने की जगह अपना खेल खेलें। अपने 38वें जन्मदिन की ओर बढ़ रहे ख्वाजा ने 73 टेस्ट में 15 शतक की मदद से लगभग साढ़े पांच हजार रन बनाए हैं। उन्होंने कहा कि तेजी से रन बनाना ही सब कुछ नहीं है और उन्होंने मैकस्वीनी को सलाह दी कि वह सिर्फ उस प्रक्रिया को दोहराएं जो अब तक उनके लिए सफल रही है।
‘न्यूज.कॉम.एयू’ ने ख्वाजा के हवाले से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह मिथक कहां से शुरू हुआ कि आपको कोई ऐसा खिलाड़ी चाहिए जो बहुत तेजी से रन बनाए। सलामी बल्लेबाज के रूप में आप रन बनाने का प्रयास करते हैं और इसके लिए आपके पास पंच दिन होते हैं। पिछले साल हमारा कोई टेस्ट मैच पांच दिन तक नहीं गया।
सलामी बल्लेबाजी का मतलब रन बनाना और उस समय क्रीज पर डटे रहना है।’’ वार्नर के बारे में बात करते हुए ख्वाजा ने कहा कि हर कोई उनके पूर्व सलामी जोड़ीदार की तरह प्रतिभाशाली नहीं होता जो पारंपरिक प्रारूप में आसानी से तेजी से रन बना सकते थे। ख्वाजा ने कहा, ‘‘डेवी (वार्नर) खास थे। वह मुश्किल समय में टिके रहकर रन बना सकते थे।
वह कभी-कभी 100 गेंद में 100 रन बना लेते थे लेकिन वह हर बार ऐसा नहीं करते थे। कभी-कभी उन्हें 100 रन बनाने के लिए 170, 180 गेंद लग जाती थीं। उन्होंने कहा, ‘‘उनके प्रदर्शन में निरंतरता थी, वह क्रीज पर उतरकर बाद में आने वाले लोगों के लिए मंच तैयार करता था और रन बनाता था। ये दोनों काफी महत्वपूर्ण चीजे हैं।’’
ख्वाजा को भरोसा है कि उचित गति से रन बनाने के अलाव मैकस्वीनी में लंबे समय तक टिके रहने की क्षमता भी है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि नाथन यह काम बहुत अच्छे से करता है। वह रन बना सकता है लेकिन वह लंबे समय तक बल्लेबाजी भी कर सकता है।
अगर आप मुकाबले को अपने पक्ष में मोड़ना चाहते हैं तो टेस्ट क्रिकेट में ये बहुत महत्वपूर्ण पहलू हैं।’’ ख्वाजा ने मैकस्वीनी को चेतावनी दी कि ‘क्रिकेट में कोई गारंटी नहीं है’ लेकिन उन्होंने कहा कि इस 25 वर्षीय बल्लेबाज को टेस्ट क्रिकेट में ‘कुछ अलग करने की जरूरत नहीं है’।