Angelo Mathews to retire: श्रीलंका के पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज 17 से 21 जून के बीच बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले मैच के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। 37 वर्षीय ऑलराउंडर ने शुक्रवार को एक बयान में इसकी घोषणा की। श्रीलंका के अनुभवी हरफनमौला एंजेलो मैथ्यूज ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश के खिलाफ अगले महीने पहले टेस्ट के बाद वह पांच दिनी क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। सैतीस वर्ष के मैथ्यूज हालांकि सफेद गेंद का क्रिकेट खेलते रहेंगे। उनका आखिरी टेस्ट 17 से 21 जून के बीच गॉल में खेला जायेगा। मैथ्यूज ने ‘एक्स ’ पर लिखा ,‘कृतज्ञ ह्रदय और अविस्मरणीय यादों के साथ। अब समय आ गया है कि मैं खेल के सबसे अद्भुत प्रारूप से विदा लूं, अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट। बांग्लादेश के खिलाफ जून में पहला टेस्ट देश के लिये मेरा आखिरी टेस्ट होगा।’
कई भविष्य और वर्तमान महान खिलाड़ी खेल रहे हैं। अब ऐसा लगता है कि हमारे देश के लिए चमकने के लिए एक युवा खिलाड़ी को जगह देने का सबसे अच्छा समय है। मैथ्यूज ने 2009 में गॉल में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और चार साल बाद इस प्रारूप में देश के सबसे युवा कप्तान (25 वर्ष, 279 दिन) के रूप में इंग्लैंड में टीम का नेतृत्व किया।
उन्होंने टेस्ट में मुख्य रूप से बल्लेबाजी ऑलराउंडर के रूप में खेला, जिसमें उन्होंने 44.62 की औसत से 8167 रन बनाए। खेल के सबसे लंबे प्रारूप में 16 वर्षों में 37 वर्षीय खिलाड़ी ने 118 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 16 शतक और 45 अर्द्धशतक बनाए और 33 विकेट लिए हैं। मेरे लिए खेल के सबसे प्रिय प्रारूप अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का समय आ गया है!
उन्होंने कहा ,‘मैं टेस्ट प्रारूप से विदा ले रहा हूं लेकिन सफेद गेंद के प्रारूप में खेलने के लिये उपलब्ध रहूंगा। अब समय आ गया है कि युवा पीढ़ी टेस्ट क्रिकेट में बागडोर संभाले।’ मैथ्यूज ने 2009 में पदार्पण के बाद से 118 टेस्ट में 8167 रन बनाये हैं और श्रीलंका के इतिहास में कुमार संगकारा (12400) और माहेला जयवर्धने (11814) के बाद सबसे ज्यादा रन उन्हीं के नाम है।
श्रीलंका क्रिकेट ने उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा,‘श्रीलंका क्रिकेट के असल सेवक। सत्रह वर्ष तक नेतृत्व कुशलता, प्रतिबद्धता और लाल गेंद के क्रिकेट में अविस्मरणीय यादों के लिये शुक्रिया। आपके समर्पण और जुनून ने एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया। भविष्य के लिये शुभकामनायें । सफेद गेंद के क्रिकेट में आपका योगदान जारी रहने का इंतजार।’
श्रीलंका के लिए क्रिकेट खेलने के पिछले 17 साल मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान और गौरव रहे हैं। जब कोई राष्ट्रीय जर्सी पहनता है तो देशभक्ति और सेवा की भावना से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता। मैंने क्रिकेट को अपना सबकुछ दिया है और क्रिकेट ने मुझे बदले में सबकुछ दिया है और मुझे वह व्यक्ति बनाया है जो मैं आज हूँ। मैं खेल के प्रति आभारी हूँ और श्रीलंका क्रिकेट के उन हज़ारों प्रशंसकों का आभारी हूँ जो मेरे करियर के दौरान मेरे सबसे अच्छे और सबसे बुरे समय में मेरे साथ रहे।