Yuvraj Singh Retirement: फैंस कभी नहीं भूल पाएंगे युवराज सिंह की ये 5 पारियां, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रहा सबसे खास

Yuvraj Singh Retirement: युवराज सिंह भारत के वर्ल्ड कप 2011 के खिताबी जीत के नायक बने और इस दौरान उन्हें कैंसर जैसी बीमारी से भी जूझना पड़ा।

By सुमित राय | Published: June 11, 2019 12:37 PM2019-06-11T12:37:25+5:302019-06-11T12:37:25+5:30

Natwest Trophy to World Cup glory: Know Yuvraj Singh's Top 5 International Innings | Yuvraj Singh Retirement: फैंस कभी नहीं भूल पाएंगे युवराज सिंह की ये 5 पारियां, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रहा सबसे खास

फैंस कभी नहीं भूल पाएंगे युवराज सिंह की ये 5 पारियां

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Highlightsसिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह ने संन्यास का ऐलान कर दिया है।भारतीय क्रिकेट के लिए दिए युवराज सिंह के योगदान को कोई नहीं भूला सकता।युवराज भारतीय टीम के मुख्य बल्लेबाज थे और उन्होंने गेंदबाजी में भी प्रभावित किया।

सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह ने सोमवार को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी और इसके साथ ही उतार-चढ़ाव से भरा उनका 25 साल का क्रिकेट करियर खत्म हो गया। युवराज सिंह भारत के वर्ल्ड कप 2011 के खिताबी जीत के नायक बने और इस दौरान उन्हें कैंसर जैसी बीमारी से भी जूझना पड़ा।

संन्यास की घोषणा करते हुए युवराज ने कहा, 'मैंने 25 साल के बाद अब क्रिकेट से आगे बढ़ने का फैसला किया है। क्रिकेट ने मुझे सबकुछ दिया।' उन्होंने कहा, 'इस खेल के साथ एक तरह से मुझे प्रेम भी है और उसके साथ नफरत जैसा रिश्ता भी रहा है। मुझे खेल से प्यार है, क्योंकि इसने मुझे सब कुछ दिया है। मुझे इससे नफरत है, क्योंकि खेल मानसिक रूप से मुझ पर कठोर रहा।'

फैंस कभी नहीं भूल पाएंगे युवराज की ये पारियां

दक्षिण अफ्रीका में साल 2007 में खेले गए आईसीसी वर्ल्ड टी20 में युवराज की उपलब्धि को कोई नहीं भूला सकता। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ मैच में स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में छह छक्के लगाए थे, जिसे क्रिकेट प्रेमी कभी भूल नहीं पाएंगे। उस मैच युवराज ने केवल 12 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया, जो एक रिकॉर्ड है।

इसके अलावा युवराज वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम के मुख्य बल्लेबाज बन थे और उन्होंने गेंदबाजी में भी प्रभावित किया। युवराज ने आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 में अपनी ऑलराउंड क्षमता का शानदार नमूना पेश किया था और 300 से अधिक रन बनाने के अलावा 15 विकेट भी लिए थे। इस प्रदर्शन के लिए उन्होंने मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया था।

युवराज सिंह की पांच यादगार पारियां

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रन : युवराज सिंह ने साल 2000 में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रनों की पारी खेली थी, जो उनकी यादगार पारियों में शामिल है। 18 साल की उम्र में युवराज सिंह ने ग्लेन मैकग्रा जैसे घात गेंदबाजों का सामना करते हुए यह पारी खेली थी। 45 के निजी स्कोर पर युवी को जीवनदान मिला, जिसके बाद उन्होंने 84 रनों की धमाकेदार पारी खेली और टीम को स्कोर को 265 तक पहुंचाया।

इंग्लैंड के खिलाफ 69 रन : साल 2002 से नेटवेस्ट फाइनल में युवराज सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ 69 रनों की पारी खेली थी। 325 रनों के पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की आधी टीम 200 से पहले ही आउट हो चुकी थी। युवराज और कैप ने 121 रनों की साझेकर करते हुए अनहोनी को भई होनी में बदल दिया। यह मैच कप्तान सौरव गांगुली के टी-शर्ट घुमाने और कैप के पावर पंच के लिए जाना जाता है, लेकिन काउंटर अटैक युवी ने ही शुरू किया था।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 139 रन : साल 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ युवी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 139 रनों की पारी खेली थी, जो उनकी यादगार पारियों में है। उस मैच में वीवीएस लक्ष्मण ने भी 109 रनों की नाबाद पारी खेली थी।

पाकिस्तान के खिलाफ 107 रन : साल 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए कराची वनडे में पाक टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 288 रनों का स्कोर खड़ा किया। जवाब में भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर सस्ते में आउट हो गए। इसके बाद युवराज ने धमाकेदार स्टाइल दिखाया और आठ विकेट से टीम इंडिया को जीत तक पहुंचा दिया।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 57 रन : आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 के क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई युवराज की पारी सबसे खास है। फैंस के लिए यह मैच इसलिए भी खास था, क्योंकि इस दौरान वो कैंसर से जूझ रहे थे और मैच से पहले डॉक्टरों ने खेलने से मना किया था, लेकिन इसके बावजूद युवी ने खेलने का फैसला किया। उस मैच में रिकी पोंटिंग के शतक की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने 260 रनों का स्कोर खड़ा किया। इसके बाद युवराज ने नाजुक मोड़ पर टिककर खेला। युवी ने आक्रामक रुख अपनाते हुए नाबाद 57 रन बनाते हुए टीम इंडिया को 5 विकेट से जीत दिला दी। बैटिंग से पहले युवी ने गेंदबाजी कमें कमाल किया था और दस ओवर में 44 रन देकर दो विकेट चटकाए थे।

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