H'ppy Birthday: 1347 विकेट लेकर किया दुनिया को हैरान, 46 साल के हुए मुथैय्या मुरलीधरन

Muttiah Muralitharan: 800 टेस्ट विकेट लेने वाले महानतम स्पिनर मुरलीधरन 46 साल के हो गए हैं

By अभिषेक पाण्डेय | Published: April 17, 2018 12:48 PM2018-04-17T12:48:16+5:302018-04-17T12:48:16+5:30

Muttiah Muralitharan turns 46, took 1347 international wickets | H'ppy Birthday: 1347 विकेट लेकर किया दुनिया को हैरान, 46 साल के हुए मुथैय्या मुरलीधरन

मुथैय्या मुरलीधरन ने लिए 1347 इंटरनेशनल विकेट

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नई दिल्ली, 17 अप्रैल: क्रिकेट इतिहास के महानतम गेंदबाजों में शुमार मुथैय्या मुरलीधरन आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। मुरलीधरन ने लगभग दो दशकों तक अपनी घातक गेंदबाजी से दुनिया भर के बल्लेबाजों का जीना मुहाल किए रखा। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक 800 विकेट और वनडे में सर्वाधिक 534 विकेट समेत कुल 1347  इंटरनेशनल विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज है। 

वर्तमान में वह आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के गेंदबाजी कोच की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मुरलीधरन 1996 में श्रीलंका की वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा होने को अपने क्रिकेट करियर का सबसे यादगार पल मानते हैं। मुरलीधरन का ये भी कहना है कि उनके जमाने में गेंदबाजी आज के मुकाबले आसान थी क्योंकि तब टी20 क्रिकेट का बोलबाला नहीं था और बल्लेबाज इतने छ

टेस्ट क्रिकेट में अपनी फिरकी के जादू से झटके 800 विकेट

मुरलीधरन ने 1992 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने अपने 133 टेस्ट मैचों में 800 विकेट झटके हैं, जो अब भी वर्ल्ड रिकॉर्ड है और फिलहाल इसका टूटना काफी मुश्किल है। मुरलीधरन ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2010 में गॉल में भारत के खिलाफ खेला था। टेस्ट क्रिकेट में मुरलीधरन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4 जनवरी 2002 को जिम्बाब्वे के खिलाफ एक पारी में 51 रन देकर 9 विकेट लेना रहा। वह महज एक विकेट से एक टेस्ट पारी में 10 विकेट लेने वाले जिम लेकर और अनिल कुंबले के बाद तीसरे गेंदबाज बनने से चूक गए थे। मुरलीधरन ने अपने 232 प्रथम श्रेणी मैचों में 1374 विकेट झटके।


मुरलीधरन ने वनडे क्रिकेट में भी लिए सबसे ज्यादा विकेट

मुरलीधरन के नाम वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा 534 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। मुरलीधरन ने ये उपलब्धि अपने 350 वनडे मैचों में हासिल की। मुरलीधरन ने अपना वनडे डेब्यू 12 अगस्त 1993 को कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ किया था और अपना आखिरी वनडे भी भारत के खिलाफ 2 अप्रैल 2011 को वर्ल्ड कप फाइनल के रूप में खेला था, जिसमें श्रीलंका को हार मिली थी। इसके अलावा मुरलीधरन ने श्रीलंका के लिए 12 इंटरनेशनल टी20 मैचों में 13 विकेट झटके। 

मुरलीधन के करियर में कई बार संदिग्ध गेंदबाजी ऐक्शन का आरोप भी लगा, लेकिन हर बार वह जांच में बरी होते रहे। खासकर ऑस्ट्रेलियाई अंपायर डेरेल हायर द्वारा मुरलीधरन पर चकिंग का आरोप लगाते हुए उनकी गेंदों को नो बॉल घोषित करने की घटना काफी सुर्खियों में रही। डेरेल हायर द्वारा एक मैच के दौरान मुरलीधरन की गेंदों को लगातार नो बॉल देने से नाराज होकर एक बार ऑस्ट्रेलिया में सीवी सीरीज के दौरान श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन राणातुंगा अपनी पूरी टीम लेकर मैदान से बाहर चले गए।

मुथैय्या मुरलीधरन को न सिर्फ महानतम स्पिनर बल्कि क्रिकेट इतिहास के महानतम गेंदबाजों में से एक के तौर पर हमेशा याद रखा जाएगा!  

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