धोनी ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ दायर किया 150 करोड़ रुपये बकाया वसूलने का केस

MS Dhoni: एमएस धोनी ने रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ 150 करोड़ रुपये बकाया वसूलने का केस दायर किया है

By अभिषेक पाण्डेय | Published: April 12, 2018 12:02 PM2018-04-12T12:02:45+5:302018-04-12T13:57:04+5:30

MS Dhoni sues Amrapali Group to recover dues of Rs 150 crore | धोनी ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ दायर किया 150 करोड़ रुपये बकाया वसूलने का केस

एमएस धोनी

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नई दिल्ली, 12 अप्रैल: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने घाटे में चल रही रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली ग्रुप से 150 करोड़ रुपये वसूलने की कवायद शुरू कर दी है। धोनी का आरोप है कि इस रियल एस्टेट ग्रुप से उन्हें कई सालों से ब्रैंड ऐंबैसडर होने के बावजूद पैसा नहीं मिला है। आम्रपाली ग्रुप वित्तीय संकट से जूझ रही है और उसके हजारों हाउसिंग प्रोजेक्ट्स लटक गए हैं।

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, धोनी, केएल राहुल और भुवनेश्वर कुमार जैसे स्टार क्रिकेटरों के ऐंडोर्समेंट संभालाने वाली फर्म ऋति स्पोर्ट्स ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में बकाया वसूली के लिए एक केस दायर किया है। 

ऋति स्पोर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अरुण पाण्डेय ने कहा, 'उन्होंने हमें ब्रैंडिंग और मार्केटिंग ऐक्टिविटीज के लिए पैसे नहीं दिए।' पाण्डेय का कहना है कि ऋति स्पोर्ट्स के 200 करोड़ रुपये आम्रपाली ग्रुप पर बकाया है।

धोनी 6-7 वर्षों तक आम्रापाली ग्रुप के ब्रैंड ऐंबैसडर रहे थे। लेकिन खरीदारों द्वारा घर मिलने में हो रही देरी के बाद आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाए गए अभियान के बाद धोनी ने 2016 में आम्रपाली ग्रुप से नाता तोड़ लिया था। सोशल मीडिया पर आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ चलाए गए कैंपेन में खरीदारों ने धोनी से इस ग्रुप से लोगों के घरों के पजेशन देने या फिर उससे नाता तोड़ने की अपील की थी। 

आम्रपाली ग्रुप ने 2011 की वर्ल्ड कप विजेता टीम इंडिया के खिलाड़ियों को अपने नोएडा एक्सटेंशन स्थित आम्रपाली ड्रीम वैली प्रोजेक्ट में एक-एक विला गिफ्ट में दिया था। धोनी को 1 करोड़ रुपये की कीमत वाला घर और बाकी के खिलाड़ियों को 55 लाख कीमत वाला घर दिया गया था।

आम्रपाली ग्रुप को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 10 प्रोजेक्ट्स में 40 हजार से ज्यादा फ्लैट का पजेशन देना है। लेकिन ग्रुप का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर में आई मंदी की वजह से उसके अपार्टमेंट्स की कीमत घट गई हैं और उसे प्रोजेक्ट पूरा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

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