ब्रेंडन मैकुलम को आई 2019 वर्ल्ड कप फाइनल की याद, न्यूजीलैंड क्रिकेट के लिए कही यह बात

पिछले साल जुलाई में विश्व कप के बेहद ही रोमांचक फाइनल के सुपर ओवर के टाई होने के बाद भी न्यूजीलैंड को इंग्लैंड से हार का सामना करना पड़ा था।

By भाषा | Published: September 14, 2020 02:41 PM2020-09-14T14:41:58+5:302020-09-14T14:41:58+5:30

McCullum said Now is the time to get something special for New Zealand | ब्रेंडन मैकुलम को आई 2019 वर्ल्ड कप फाइनल की याद, न्यूजीलैंड क्रिकेट के लिए कही यह बात

(फोटो सोर्स- ट्विटर)

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Highlights भारत अगले तीन वर्षों में दो विश्व कप की मेजबानी करेगा जिसमें 2021 में टी20 विश्व कप और 2023 में एकदिवसीय विश्व कप शामिल है।इस साल ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले टी20 विश्व को 2022 के लिए टाल दिया गया।

पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैकुलम ने कहा कि न्यूजीलैंड भाग्यशाली था कि वह 2019 विश्व कप के फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहा लेकिन उसके लिए अब कुछ विशेष हासिल करने का समय है। इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के मुख्य कोच मैकुलम ने एक पोडकास्ट में कहा, ‘‘ मुझे पता है कि पिछले साल वे विश्व चैम्पियन बनने वे बहुत करीब आ गए थे, लेकिन मुझे लगा कि वे थोड़े भाग्यशाली थे कि उस स्थिति में पहुंच सकें।’’ 

पिछले साल जुलाई में विश्व कप के बेहद ही रोमांचक फाइनल के सुपर ओवर के टाई होने के बाद भी न्यूजीलैंड को इंग्लैंड से हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि वे वास्तव में कुछ विशेष करने के करीब हैं। केन विलियमसन की कप्तानी और कुछ अन्य वरिष्ठ खिलाड़ियों के मार्गदर्शन में ऐसा कोई कारण नहीं है कि वे अच्छा नहीं करें।’’ 

भारत अगले तीन वर्षों में दो विश्व कप की मेजबानी करेगा जिसमें 2021 में टी20 विश्व कप और 2023 में एकदिवसीय विश्व कप शामिल है। इस साल ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले टी20 विश्व को 2022 के लिए टाल दिया गया। अपनी कप्तानी में 2015 में न्यूजीलैंड को विश्व कप के फाइनल में पहुंचाने वाले मैकुलम ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि अब वक्त आ गया है जब उन्हें रेत पर लकीर खिंचनी होगी। मुझे लगता है उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्हें सिर्फ न्यूजीलैंड ही नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट की अच्छी समझ है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ विलियमसन शानदार तरीके से टीम का नेतृत्व करते है। मुझे लगता है उनमें अब आत्मविश्वास भी है। इससे पहले लंबे समय तक हम यह सोचते रहे कि बड़े देशों की तरह हमारे पास संसाधन नहीं है।’’ 

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