मुंबई के एक 23 वर्षीय बल्लेबाज मकरंद पाटिल ने अपनी धमाकेदार बैटिंग से तहलका मचा दिया है। यहां के वीवा सुपरमार्केट्स में काम करने वाले 23 वर्षीय मकरंद पाटिल ने आठवें नंबर पर बैटिंग करते हुए सात गेंदों पर सात छक्के (एक ओवर में छह छक्के) जड़ दिए।
मकरंद पाटिल ने 26 गेंदों में 84 रन की अपनी धमाकेदार पारी की मदद से सचिन तेंदुलकर जिमखाना में खेले गए मैच में अपनी टीम वीवा सुपरमार्केट्स को एफ डिविजन टाइम्स शील्ड टूर्नामेंट का खिताब जिताने में मदद की।
किसान के बेटे मकरंद को उनकी इस उपलब्धि के बाद से लगातार फोन आ रहे हैं। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'जब तक मैंने अपना छठा छक्का नहीं जड़ा, तब तक मैंने ये नहीं सोचा था कि मैं एक ओवर में छह छक्के जड़ूंगा। मेरे साथी खिलाड़ी मुझे चीयर करते रहे, मैंने छठा छक्का जड़ा तो मैं जोरदार आवाज सुन सकता था। मैं सातवें आसमान पर था। इसके बाद जब मैंने सातवीं गेंद खेली, तो उस पर भी छक्का लगा दिया। ये एक दिन का स्टार होने का बेहतरीन अहसास है।'
पाटिल ने ये उपलब्धि मुंबई क्रिकेट असोसिएशन के बैनर तले आयोजित होने वाले टूर्नामेंट में हासिल की है। जिस मैदान पर पाटिल ने सात गेंदों में सात छक्के जड़े, वहां भारतीय क्रिकेट बोर्ड जूनियर क्रिकेट के मैच आयोजित करता है।
इस युवा खिलाड़ी के लिए जिंदगी आसान नहीं है। विरार में रहने वाले मकरंद के परिवार की आय का मुख्य स्रोत अभी भी खेती ही है। वह अभी भी अपने परिवार को खेती में मदद करते हैं और कई बार इस वजह से मैच नहीं खेल पाते हैं।
पाटिल को उम्मीद है कि एक दिन उनके लिए चीजें बदलेंगी। उनकी इस पारी के बाद कंपनी ने उन्हें एक दिन की छुट्टी दी थी। इस पारी के बाद कम से कम विरार के क्रिकेट सर्किल में उनके नाम की चर्चा हो रही है।