चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) के गेंदबाजी कोच लक्ष्मीपति बालाजी का मानना है कि करियर को लेकर कई बार सवाल उठने के बाद भी पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की विशिष्टता उनके ‘अलग बने रहने’ की क्षमता में है।
बालाजी ने कहा, ‘‘अभ्यास समाप्त होने के बाद, मैं सामान्य रूप से धोनी से विकेट, अभ्यास और खेलने की स्थिति के बारे में बहुत बात करता हूं। उस दिन, मैंने अभ्यास समाप्त किया और मैं अंदर गया। मुझे एहसास नहीं था कि वह पहले ही शाम 7:29 बजे अपने संन्यास की घोषणा कर चुके थे।’’
बालाजी ने ‘स्टार स्पोर्ट्स 1’ के तमिल क्रिकेट कार्यक्रम में कहा, ‘‘धोनी अपना संदेश पोस्ट करने के बाद, हमेशा की तरह मेरे पास आये। उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने मैदानकर्मियों को पिच पर अतिरिक्त पानी देने के लिए कहा है। मैंने कहा ठीक है। उस समय मुझे कुछ भी एहसास नहीं था।’’
धोनी की अगुवाई वाली सीएसके ने आगामी आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के लिए यूएई रवाना होने से पहले यहां एक छोटा शिविर लगाया था। बालाजी ने कहा, ‘‘यह उनके जीवन का बहुत बड़ा क्षण था। लेकिन जिस तरह वह आगे बढ़े वह आपके लिए धोनी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बाद में एहसास हुआ कि उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी है। मुझे उस पल को समझने में कुछ समय लगा। धोनी की विशिष्टता इसी में है कि वह दूसरों से काफी अलग रहे। स्थिति चाहे जैसी भी रहे वह कभी नहीं रुकेंगे, वह अपने ही अंदाज में आगे बढ़ते हैं।’’
बालाजी ने कहा कि इस पूर्व भारतीय कप्तान ने दुनिया भर के कप्तानों के बीच नेतृत्व की धारणा को बदल दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे मुताबिक साल 2000 के बाद धोनी जैसा कोई नहीं है, जिसने न केवल भारतीय क्रिकेट बल्कि विश्व क्रिकेट पर बहुत व्यापक प्रभाव डाला है।’’
बालाजी ने कहा कि धोनी की नेतृत्व और बल्लेबाजी की शैली बिल्कुल अलग हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब भी अगर आखिरी ओवर में जीतने के लिए 20 से अधिक रन चाहिए होंगे और अगर मुझे किसी को चुनना होगा, तो वह हमेशा धोनी ही होंगे। खेल पर उनका ऐसा व्यापक प्रभाव है। उनका नेतृत्व और उनकी बल्लेबाजी शैली बिल्कुल अलग है। उनके नेतृत्व ने सभी कप्तानों के बीच नेतृत्व की धारणा को बदल दिया है।’’