झूलन गोस्वामी के खिलाफ था परिवार, जानिए कैसे बनीं बॉल गर्ल से भारत की सबसे तेज महिला गेंदबाज

बचपन में झूलन लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं, लेकिन टीम में उन्हें गेंदबाजी का मौका नहीं मिलता था...

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: November 25, 2019 07:18 AM2019-11-25T07:18:05+5:302019-11-25T07:18:05+5:30

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झूलन गोस्वामी के खिलाफ था परिवार, जानिए कैसे बनीं बॉल गर्ल से भारत की सबसे तेज महिला गेंदबाज

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Highlights25 नवंबर 1982 को पश्चिम बंगाल में हुआ जन्म।माता-पिता नहीं चाहते थे, बेटी खेले क्रिकेट।जनवरी 2002 में मिला अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू का मौका।

25 नवंबर 1982 को पश्चिम बंगाल के चकदाह शहर में जन्मीं झूलन गोस्वामी का 10 वर्ष की उम्र से क्रिकेट की ओर रुझान शुरू हुआ। हालांकि माता-पिता नहीं चाहते थे कि बेटी क्रिकेटर बने, लेकिन भाग्य में कुछ और ही लिखा था।

बचपन में झूलन लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं, लेकिन टीम में उन्हें गेंदबाजी का मौका नहीं मिलता था, जिसके पीछे की वजह थी धीमी गति। लड़के उनकी बॉल पर बाउंड्री लगाते और झूलन का जमकर मजाक बनता।

इसके बाद झूलन ने अपनी इस कमजोरी पर ध्यान दिया। उन्होंने लोकल ट्रेन से रोजाना 80 किलोमीटर का सफर तय कर ट्रेनिंग के लिए कोलकाता आना शुरू किया, जहां उनकी गति को रफ्तार मिली।

झूलन ने इसके बाद बॉल गर्ल का भी काम किया, लेकिन तकदीर को ये खिलाड़ी बाउंड्री के बाहर नहीं, बल्कि मैदान के अंदर ही मंजूर थी। देखते-देखते झूलन 120 किमी/प्रतिघंटा की रफ्तार से बॉलिंग करने लगीं, जिसने सभी को हैरान कर दिया।

जनवरी 2002 में झूलन को इंग्लैंड के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया। इस मौके को भुनाते हुए झूलन ने 15 रन देकर 2 विकेट झटके, जहां से इस खिलाड़ी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

गोस्वामी को 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ टॉन्टन टेस्ट में उनके बेहतरीन टेस्ट प्रदर्शन के लिए याद किया जाता है। उस मैच में झूलन ने दोनों पारियों में 5-5 विकेट लेते हुए मैच में 78 रन देकर 10 विकेट लेते हुए भारत को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतने में मदद की थी।

साल 2007 में उन्हें आईसीसी वूमन प्लेयर ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा गया। ये वो साल था जब किसी भारतीय पुरुष क्रिकेटर को आईसीसी का अवॉर्ड नहीं मिला था। इसके बाद वर्ल्ड कप-2010 में झूलन गोस्वामी को टीम इंडिया की कमान सौंपी गई, जिसमें भारत ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। इसी साल उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से और दो साल बाद पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

महिला वनडे क्रिकेट में 200 विकेट लेने वाली एकमात्र गेंदबाज झूलन गोस्वामी अब तक अपने करियर में 182 वनडे में 225 विकेट लिए हैं, जो महिला क्रिकेट में सर्वाधिक हैं। इसके अलावा उन्होंने भारत के लिए 10 टेस्ट मैचों में 40 विकेट झटके हैं। टी20 फॉर्मेट से संन्यास ले चुकीं झूलन ने 68 मैचों में 56 शिकार किेए थे।

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