जेसन होल्डर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान को बनाना चाहते हैं IPL का हिस्सा, बोले- लीग ने इसकी पूरी तरह अनदेखी की

इंग्लैंड में वेस्टइंडीज की श्रृंखला के दौरान घुटने के बल झुकने की शुरुआत हुई थी...

By भाषा | Published: October 21, 2020 03:10 PM2020-10-21T15:10:01+5:302020-10-21T15:10:01+5:30

Jason Holder sad that ‘Black Lives Matter’ movement not part of IPL | जेसन होल्डर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान को बनाना चाहते हैं IPL का हिस्सा, बोले- लीग ने इसकी पूरी तरह अनदेखी की

जेसन होल्डर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान को बनाना चाहते हैं IPL का हिस्सा, बोले- लीग ने इसकी पूरी तरह अनदेखी की

googleNewsNext

वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने निराशा जताई है कि इंडियन प्रीमियर लीग की कोई भी टीम ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ (बीएलएम) अभियान के समर्थन में ‘घुटने के बल झुककर’ एकजुटता नहीं दिखा रही और दुनिया की सबसे लुभावनी लीग ने इस अभियान की पूरी तरह अनदेखी की। 

आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के सदस्य होल्डर ने क्रिकेट राइटर्स क्लब की ओर से आयोजित आनलाइन कार्यक्रम में वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम की ओर से प्रतिष्ठित पीटर स्मिथ पुरस्कार लेने के दौरान यह बयान दिया। पीटर स्मिथ पुरस्कार वार्षिक सम्मान है जो जनता को क्रिकेट पेश करने के लिए बहुमूल्य योगदान पर दिया जाता है।

क्रिकेट वेस्टइंडीज की वेबसाइट पर पोस्ट अपने संबोधन में होल्डर ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो यहां इसे (बीएलएम) लेकर एक बार भी बात नहीं हुई। कभी-कभी लगता है कि इसकी अनदेखी कर दी गई जो दुखद है। मुझे लगता है कि हमें इसके महत्व को दोबारा बताना होगा, जिससे कि लोग समझ सकें कि दुनिया में क्या चल रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 ने बेशक काफी ध्यान खींचा है, अमेरिका में होने वाले चुनावों पर भी अचानक काफी ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन हमारे लिए, विशेषकर कैरेबिया के अश्वेत लोगों के रूप में यह हमारे लिए जरूरी है कि शिक्षा जारी रहे।’’

होल्डर ने कहा, ‘‘क्रिकेट वेस्टइंडीज ने इसे लेकर जागरूकता के लिए शानदार काम किया है। इंग्लैंड में महिला टीम ने श्रृंखला के दौरान ब्लैक लाइव्स मैटर लोगो पहना और इस अभियान को आगे बढ़ाना जारी रखा।’’

इंग्लैंड में वेस्टइंडीज की श्रृंखला के दौरान घुटने के बल झुकने की शुरुआत हुई थी। अमेरिका के मिनियापोलिस में एक श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड के मारे जाने पर नस्लवाद के विरोध का यह प्रतीक बना था। लेकिन पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शृंखला के दौरान ऐसा नहीं किया गया।

Open in app