इरफान पठान ने खोला राज, क्यों सौरव गांगुली उन्हें 2003 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नहीं ले जाना चाहते थे, फिर 'इसलिए' दिया था मौका

Irfan Pathan, Sourav Ganguly: टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर इरफान पठान ने कहा है कि सौरव गांगुली शुरू में उन्हें 2003 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नहीं ले जान चाहते थे

By अभिषेक पाण्डेय | Published: June 3, 2020 03:33 PM2020-06-03T15:33:21+5:302020-06-03T15:33:21+5:30

Irfan Pathan revelas Why Sourav Ganguly didn’t want him for Australia tour | इरफान पठान ने खोला राज, क्यों सौरव गांगुली उन्हें 2003 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नहीं ले जाना चाहते थे, फिर 'इसलिए' दिया था मौका

इरफान पठान ने कहा कि सौरव गांगुली ने हमेशा ही उनका समर्थन किया (Twitter)

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Highlightsइरफान पठान ने 2003 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर किया था अपना टेस्ट डेब्यूगांगुली ने शुरू में इरफान का नाम कर दिया था खारिज, फिर बाद में किया था सेलेक्शन

टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर इरफान पठान ने अपने 2003 के ऑस्ट्रेलिया पहले दौरे को याद करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का समर्थन हासिल किया था। उस समय पर पठान 19 साल के थे और वनडे और टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ टीम ऑस्ट्रेलिया का दौरा उनके लिए काफी कठिन होने की संभावना थी। 

पठान ने बताया कि सीरीज खत्म होने से ठीक पहले सौरव गांगुली ने उन्हें बताया था कि वह शुरू में उन्हें इस दौरे पर लाने को लेकर हिचक रहे थे। 

गांगुली शुरू में मुझे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नहीं ले जाना चाहते थे: इरफान पठान

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 35 वर्षीय इरफान ने स्पोर्ट्स तक को दिए इंटरव्यू में कहा, 'ऑस्ट्रेलिया दौरा सच में मुश्किल होता है। जब एक 19 साल का खिलाड़ी वहां जाता है, तो उसकी बहुत पिटाई होती है। मुझे याद है कि जब दौरा खत्म होने वाला था तो दादा ने मुझसे कहा, इरफान शायद तुम्हें पता न हो लेकिन मैं तुम्हें इस दौरे पर लाना नहीं चाहता था। मैंने तुम्हें सेलेक्शन मीटिंग में रिजेक्ट कर दिया था। इसलिए नहीं क्योंकि मैंने तुम्हारी गेंदबाजी देखी थी। बल्कि मैं एक 19 साल के खिलाड़ी को इतने मुश्किल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नहीं ले जाना चाहता था। लेकिन जब मैंने तुम्हें देखा तो मुझे यकीन हो गया कि तुम अच्छा करोगे।'

पठान ने कहा, 'इस तरह पूरे करियर के दौरान दादा ने मेरा काफी समर्थन किया। दादा के बार में एक अच्छी बात ये है कि अगर वह किसी खिलाड़ी को पसंद करते हैं तो उसका पूरा समर्थन करते हैं। अगर उन्हें लगता है कि कोई खिलाड़ी टीम के लिए अपना बेस्ट दे रहा है तो वह उसका समर्थन करेंगे।'

पठान ने कहा, 'जब एक कप्तान एक युवा के पास आकर ये कहता है, तो आपका आत्मविश्वास काफी बढ़ता है। तब आप उनकी काफी इज्जत करने लगते हैं।'

इन दो गेंदबाजों के मुरीद रहे हैं इरफान पठान

पठान ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया का दौरा यादगार था। मैं उस दौरे पर पहली बार वसीम अकरम से मिला था और मैं उन्हें आदर्श मानता था। ऐसे दो ही गेंदबाज हैं, जिनकी मैं पूजा करता था - पहले कपिल देव- ऑलराउंडर, सर्वश्रेष्ठ कप्तान, बेहतरीन स्विंग - और भारत में खेलना आसान नहीं है। पाकिस्तान में, आपके पास कूकाबूरा गेंदें हैं। लेकिन कपिल ने, अपने समय में, अपना नाम और भूमिका बनाई, यह सराहनीय था, इसलिए मैंने उनका बहुत अनुसरण किया।' 

इरफान ने कहा, 'और दूसरे थे वसीम अकरम। मैं उनसे पहली बार उस दौरे पर मिला था और बहुत खुश था, और उनसे ढेरों सकारात्मक बातें हुई थीं।'

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