भारत ने किया 59 ऐप बैन, मगर चीनी मोबाइल कंपनी VIVO के साथ नाता नहीं तोड़ेगा बीसीसीआई!

पूर्वी लद्दाख में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद केंद्र सरकार ने विवादास्पद टिकटॉक सहित चीन के 59 ऐप को प्रतिबंधित कर दिया था...

By भाषा | Published: July 1, 2020 07:09 PM2020-07-01T19:09:12+5:302020-07-01T19:17:29+5:30

IPL GC yet to happen, BCCI unlikely to sever ties if ‘exit clause’ favours VIVO | भारत ने किया 59 ऐप बैन, मगर चीनी मोबाइल कंपनी VIVO के साथ नाता नहीं तोड़ेगा बीसीसीआई!

भारत ने किया 59 ऐप बैन, मगर चीनी मोबाइल कंपनी VIVO के साथ नाता नहीं तोड़ेगा बीसीसीआई!

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Highlightsभारत सरकार कर चुकी 59 चाइनीज ऐप बैन।बीसीसीआई का वीवो से नाता तोड़ने की संभावना नहीं।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि अगर ‘करार खत्म करने के नियम’ से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के टाइटल प्रायोजक वीवो को फायदा होता है तो फिर बीसीसीआई के इस चीनी मोबाइल कंपनी से नाता तोड़ने की संभावना नहीं है लेकिन उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि इसकी समीक्षा के लिये इस लीग की संचालन परिषद की बैठक कब होगी। बीसीसीआई ने 15 जून की घटना के तुरंत बाद कहा था कि आईपीएल प्रायोजकों की समीक्षा की जाएगी। 

प्रायोजन की समीक्षा: आईपीएल संचालन परिषद की बैठक में भाग लेने वाले बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘हमें अब भी टी20 विश्व कप, एशिया कप की स्थिति के बारे में पता नहीं है तो फिर हम बैठक कैसे कर सकते हैं। हां, हमें प्रायोजन पर चर्चा करने की जरूरत है लेकिन हमने कभी रद्द या समाप्त करने जैसे शब्दों का उपयोग नहीं किया।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा कि हम प्रायोजन की समीक्षा करेंगे। समीक्षा का मतलब है कि हम करार के सभी तौर तरीकों की जांच करेंगे। अगर करार खत्म करने का नियम वीवो के अधिक पक्ष में होता है तो फिर हमें 440 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के करार से क्यों हटना चाहिए? हम तभी इसे समाप्त करेंगे जब ‘करार खत्म करने का नियम’ हमारे पक्ष में हो।’’ 

साल 2022 में समाप्त हो रहा करार: यह पता चला है कि बीसीसीआई के कुछ पदाधिकारियों का विचार है जब तक वीवो मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए खुद पीछे नहीं हटता तब तक बोर्ड को अनुबंध का सम्मान करना चाहिए। यह करार 2022 में समाप्त होगा। करार को अचानक समाप्त करने पर बीसीसीआई को पर्याप्त मुआवजा देना पड़ सकता है। इसके अलावा बीसीसीआई को कम समय में इतनी अधिक राशि का प्रायोजक मिलने की भी कोई गारंटी नहीं है क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित है। 

इन स्पॉन्सर को लेकर नहीं कोई चिंता: पेटीएम (जिसमें अकलीबाबा एक निवेशक है) या ड्रीम इलेवन, बाइजू और स्विगी (जिनमें चीनी वीडियो गेम कंपनी टेनसेंट का निवेश है) को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि वे भारतीय कंपनियां हैं। आईपीएल के ट्विटर हैंडल पर 19 जून शुक्रवार को कहा गया था, ‘‘सीमा पर हुई झड़प, जिसके कारण हमारे वीर जवान वीरगति को प्राप्त हुए, को ध्यान में रखकर आईपीएल संचालन परिषद ने आईपीएल के विभिन्न प्रायोजन करार की समीक्षा के लिये अगले सप्ताह बैठक बुलायी है।’’ 

हालांकि लगभग दो सप्ताह के बाद भी यह बैठक नहीं हो पायी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संचालन परिषद के कम से कम दो सदस्यों ने पीटीआई को बताया कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है। एक सदस्य ने कहा, ‘‘मैंने ट्वीट देखने के बाद आईपीएल चेयरमैन (बृजेश पटेल) और सीईओ (राहुल जोहरी) से बात की लेकिन अभी तक मुझे बैठक के बारे में कुछ नहीं बताया गया है। हो सकता है कि टी20 विश्व कप के आधिकारिक तौर पर स्थगित हो जाने के बाद वे बड़ी बैठक का आयोजन करना चाहते हों।’’ 

मुंबई की स्थिति पर नजर: इस बीच आईपीएल के एक प्रमुख हितधारक ने मुंबई में कोविड-19 की स्थिति में सुधार होने पर अक्टूबर में केवल एक शहर में टूर्नामेंट का आयोजन का विचार रखा है। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘यह कहना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन अगर अक्टूबर तक भारत में आईपीएल का आयोजन होता है और मुंबई में स्थिति नियंत्रण में रहती है तो वहां चार शीर्ष स्तर के मैदान हैं जहां दूधिया रोशनी की अच्छी व्यवस्था है। वहां बीसीसीआई के साजो सामान, प्रसारक (स्टार स्पोर्ट्स), जैव सुरक्षित स्थल तैयार करने हर तरह की व्यवस्था में सुविधा होगी।’’ 

मुंबई में वानखेड़े, ब्रेबोर्न और डीवाई पाटिल (नवी मुंबई) में आईपीएल के मैचों का आयोजन हो चुका है। इसके अलावा घनसोली में रिलायंस का मैदान है जहां मुंबई इंडियन्स सत्र पूर्व शिविर का आयोजन करता है।

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