नई दिल्ली, 23 मई: आईपीएल 2018 के पहले क्वॉलिफायर में दो टॉप की टीमों सनराइजर्स हैदराबाद और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच जबर्दस्त भिड़ंत हुई। हैदराबाद ने 20 ओवर में 7 विकेट पर 139 रन बनाए जिसके जवाब में चेन्नई की बैटिंग लड़खड़ा गई और एक समय उसे जीत के लिए 18 गेंदों में 43 रन की जरूरत थी। लेकिन फाफ डु प्लेसिस ने 42 गेंदों में 62 रन की जोरदार पारी खेलते हुए चेन्नई को 5 गेंद बाकी रहते ही यादगार जीत दिला दी।
अंपायर का एक निर्णय जो हैदराबाद को पड़ा भारी!
इस मैच में अंपायर के एक निर्णय को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ये घटना धवन को पहली ही गेंद पर आउट करने वाले दीपक चाहर के स्पैल में हुई। हैदराबाद की पारी के छठे ओवर में दीपक चाहर गेंदबाजी कर रहे थे, इस ओवर की चौथी गेंद उनके हाथ से छूट गई और उन्होंने हैदराबाद के शाकिब अल हसन के सिर के ऊपर से गेंद फेंक दी, जिसे विकेटों के पीछे धोनी ने पकड़ा।
अंपायर मराएस एरासमस ने इस गेंद को डेड बॉल घोषित कर दी जबकि बल्लेबाज शाकिब को उम्मीद थी कि अंपायर इसे नो बॉल घोषित करेंगे। अंपायर के इस निर्णय से शाकिब काफी निराश नजर आए और उन्होंने अंपायर की तरफ इशारा करके ये बताने की कोशिश भी कि ये नो बॉल है। हालांकि एरासमस ने स्क्वैयर लेग अंपायर से इस पर चर्चा तो की लेकिन अपने निर्णय पर कायम रहे। (पढ़ें: IPL 2018: चेन्नई की जीत में धोनी का कमाल, बनाया ऐसा रिकॉर्ड जो पहले कभी नहीं बना)
ये गेंद नो बॉल थी या डेड बॉल? यहां तक कि कॉमेंटेटर्स भी अंपायर के इस निर्णय से असमंसज में नजर आए। अगर ये गेंद नो बॉल होती तो इससे हैदराबाद को एक रन मिलता और फ्री हिट पर बड़ा शॉट लगने पर कुछ और रन जुड़ते। इस रोमांचक मैच में हर रन कीमती था, ऐसे में इस बात की काफी चर्चा हो रही है कि अंपायर के इस एक निर्णय ने हैदराबाद को कितना नुकसान पहुंचाया?
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