india vs australia: टेस्ट में खराब रिकॉर्ड, इतिहास में शर्मनाक प्रदर्शन, देखिए आंकड़े...

भारतीय का मजबूत बल्लेबाजी लाइन अप पैट कमिंस और जोश हेजलवुड की तेज गेंदबाजी जोड़ी के सामने ढह गया जिससे आस्ट्रेलिया ने शुरुआती दिन रात्रि टेस्ट में ढाई दिन के अंदर आठ विकेट से शानदार जीत हासिल की।

By सतीश कुमार सिंह | Published: December 19, 2020 07:30 PM2020-12-19T19:30:54+5:302020-12-19T19:33:06+5:30

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भारतीय पारी कई बार ताश के पत्तों की तरह बिखरी है। (file photo)

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Highlightsटीम ने चार मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली।पिछले तीन टेस्ट (न्यूजीलैंड में दो टेस्ट) में भारत का स्कोर - 165, 191, 242, 124, 244, 36 - रहा है।पैट कमिंस और जोश हेजलवुड ने यहां एडिलेड में कितनी शानदार गेंदबाजी की।

एडिलेडः भारतीय टीम 36 रन के न्यूनतम टेस्ट स्कोर पर सिमट गयी। भारत का पिछला न्यूनतम टेस्ट स्कोर 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में 42 रन का था।

विराट कोहली की कप्तानी में 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे को छोड़ दे तो भारतीय पारी कई बार ताश के पत्तों की तरह बिखरी है। इस साल न्यूजीलैंड के बाद यह लगातार छठी पारी है जब टीम बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रही।

टेस्ट क्रिकेट में न्यूनतम पारी स्कोर के आंकड़े इस प्रकार हैं... 

26 रन, न्यूजीलैंड बनाम इंग्लैंड - आकलैंड, 25 मार्च, 1955

30 रन, दक्षिण अफ्रीका बनाम इंग्लैंड - पोर्ट एलिजाबेथ, 13 फरवरी, 1896

30 रन, दक्षिण अफ्रीका बनाम इंग्लैंड - बर्मिंघम, 14 जून, 1924

35 रन, दक्षिण अफ्रीका बनाम इंग्लैंड - केप टाउन, एक अप्रैल, 1899

36 रन, दक्षिण अफ्रीका बनाम आस्ट्रेलिया - मेलबर्न, 12 फरवरी, 1932

36 रन, आस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड - बर्मिंघम, 29 मई, 1902

36 रन, भारत बनाम आस्ट्रेलिया - एडीलेड, 17 दिसंबर, 2020

38 रन, आयरलैंड बनाम इंग्लैंड - लार्ड्स, 24 जुलाई, 2019

42 रन, न्यूजीलैंड बनाम आस्ट्रेलिया - वेलिंगटन, 29 मार्च, 1946

42 रन, आस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड - सिडनी, 10 फरवरी, 1888

42 रन, भारत बनाम इंग्लैंड - लार्ड्स, 20 जून, 1974

बल्लेबाजों में ‘जज्बे की कमी’-कोहली

भारतीय कप्तान विराट कोहली अपनी टीम द्वारा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब तक के सबसे कम टेस्ट स्कोर 36 रन के ‘ खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन’ को याद नहीं करना चाहते और उन्होंने लोगों से ‘ तिल का ताड़’ नहीं बनाने का आग्रह किया। उन्होंने बल्लेबाजों में ‘जज्बे की कमी’ के बारे में बात की। भारतीय कप्तान ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन दिन की शुरुआत 62 रन की बढ़त के साथ करने के बाद भी मयंक अग्रवाल (40 गेंद में नौ रन) के खेलने के तरीके पर सवाल उठे।

कोहली ने पहले टेस्ट को आठ विकेट से गंवाने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि हमने कभी इससे बदतर बल्लेबाजी प्रदर्शन किया है। इसलिए हम यहां से केवल आगे आगे बढ़ सकते हैं और आप देखेंगे कि खिलाड़ी इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।’’ भारतीय कप्तान ने टीम का बचाव करने की पूरी कोशिश की लेकिन विदेश में इस साल लगातार छठी टेस्ट पारी में टीम के 250 से कम स्कोर के बाद बल्लेबाजी का बचाव करना मुश्किल था।

ईमानदारी से अपने विचार रखूं तो यह अजीब है

उन्होंने कहा, ‘‘ ईमानदारी से अपने विचार रखूं तो यह अजीब है। गेंद में ज्यादा हरकत नहीं थी लेकिन हम में मैच को आगे ले जाने का जज्बा नहीं दिखाया।’’ भारतीय पारी के महज 21.2 ओवर में सिमटने पर उन्होंने कहा, ‘‘सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि कोई कुछ समझ नहीं पाया।’’ कोहली को हालांकि इसमें कुछ भी चिंताजनक नहीं लगा रहा। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि यह चिंताजनक है और हम यहां बैठ कर तिल का ताड़ बना सकते है लेकिन यह चीजों को सही नजरिये से देखने के बारे में है।’’

दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में लगभग 15 पारियों में भारतीय बल्लेबाजी सस्ते में निपटी है लेकिन भारतीय कप्तान को पिछले आठ-नौ वर्षों में ऐसी छह पारियां ही याद है। उन्होंने कहा, ‘‘ अगर मैं गलत नहीं हूं तो आप ने आठ-नौ वर्षों में सिर्फ पांच या छह बार बल्लेबाजी बिखरने के बारे में बात की। ऐसा बार-बार संभाव है और हमें अपनी गलती स्वीकार कर देखना होगा कि किस पहलू पर काम करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम ने पर्याप्त क्रिकेट खेला है कि यह समझ सके की मैच के विभिन्न चरणों में क्या करना है। यह सिर्फ तीसरे दिन की योजना को सही तरीके से मैदान पर नहीं उतारने के बारे में है। उन्होंने कहा, ‘‘ आज हम नौ विकेट के साथ मैदान उतरे, हमें बेहतर बल्लेबाजी प्रदर्शन करना चाहिए था। मुझे नहीं लगता कि कोई मानसिक थकान के कारण हुआ।’’

जोश हेजलवुड और पैट कमिंस शानदार लाइन और लेंग्थ से गेंदबाजी की लेकिन भारतीय कप्तान ने महसूस किया कि उन्होंने पहली पारी की तुलना में कुछ अलग नहीं किया। कोहली ने कहा, ‘‘देखो, उन्होंने पहली पारी में भी इसी तरह की गेंदबाजी की। हम इसे संभालने और इसके बारे में योजना बनाने के मामले में बेहतर थे।’’ कोहली अब श्रृंखला का हिस्सा नहीं होंगे वह पितृत्व अवकाश पर भारत वापस आ रहे है।

महज 36 रन पर ऑलआउट होने से भारत का सिरदर्द बढ़ेगा: हेजलवुड

भारतीय टीम को टेस्ट मैच की उसके न्यूनतम स्कोर 36 रन पर समेटने में अहम भूमिका निभाने वाले ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने शनिवार को कहा कि भारतीय बल्लेबाजों पर इसका मानसिक असर श्रृंखला के बाकी तीनों मैचों में रहेगा। महज 25 रन देकर पांच विकेट झटकने कर ऑस्ट्रेलिया को पहले टेस्ट में आठ विकेट की जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले हेजलवुड ने कहा कि कप्तान विराट कोहली के पितृत्व अवकाश पर लौटने से भारत की मुश्किलें और बढ़ेंगी।

हेजलवुड ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘महज 36 रन पर आउट होने का असर उनके दिमाग में रहेगा और उनके सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज (विराट कोहली) वापस जा रहे है। इससे टीम में एक खालीपन सा आयेगा।’’ एडीलेड में खराब प्रदर्शन के बाद कोहली की गैरमौजूदगी से दूसरे बल्लेबाजों को खुद को साबित करने का मौका मिलेगा। हेजलवुड ने कहा, ‘‘ उनके पास कई शानदार बल्लेबाज है लेकिन कोई कोहली के स्तर का नहीं है। हमारे लिए सीरीज में पिछड़ने की जगह बढ़त के साथ आगे जाना अच्छा है।’’

हेजलवुड ने पैट कमिंस के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया को हाल के दिनों की सबसे बड़ी जीत दिलायी। इस तेज गेंदबाज ने हालांकि टीम के खिलाड़ियों को आगाह करते हुए कहा कि यह जीत अब इतिहास का हिस्सा है और उन्हें आगे के मैचों पर ध्यान देना चाहिये। उन्होंने कहा, ‘‘ वह (अगला मुकाबला) शायद बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए एक नई शुरुआत की तरह होगा, और उनकी टीम में विराट के विकल्प के एक खिलाड़ी आयेगा। ईमानदारी से कहूं तो उनकी टीम में कुछ शानदार खिलाड़ी है। इसमें कोई संदेह नहीं कि हम नये खिलाड़ी के लिए योजना बनायेंगे।’’

आस्ट्रेलियाई गेंदबाज शानदार थे, भारतीय बल्लेबाजों को दोषी ठहराना अनुचित होगा: गावस्कर

महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने अपना न्यूनतम स्कोर बनाने वाली भारतीय टीम के प्रति सहानुभूति जताते हुए शनिवार को कहा कि आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी और इसलिए भारतीय बल्लेबाजों को उनके निराशाजनक प्रदर्शन के लिये दोषी ठहराना अनुचित होगा।

तेज गेंदबाज पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिशेल स्टार्क की तिकड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया जिससे गावस्कर ने भारत की आठ विकेट की हार के बाद चैनल सेवन से कहा, ‘‘जब से कोई भी टीम टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू करती है, तब से उस टीम का अपने न्यूनतम टेस्ट स्कोर पर आउट होना, कभी भी यह देखकर अच्छा नहीं लगता। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर कोई अन्य टीम भी इसी तरह की गेंदबाजी का सामना करती तो वे भी जल्दी आउट हो जाते, शायद वे 36 रन पर आउट नहीं होते, शायद 72 या 80-90 रन के स्कोर पर आउट होते। जिस तरह से स्टार्क के तीन ओवर के स्पैल के बाद हेजलवुड, कमिंस ने गेंदबाजी की, उसने भारतीयों के सामने कई सवाल खड़े कर दिये थे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये भारतीय बल्लेबाज जिस तरीके से आउट हुए, उसके लिये उन्हें दोषी ठहराना उचित नहीं होगा क्योंकि आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की। ’’

(इनपुट एजेंसी)

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