Highlightsभारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 से हरा दिया।पेश है क्रिकेट एक्सपर्ट अयाज मेमन का भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन का रिपोर्ट कार्ड...
भारतीय क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीकी के खिलाफ तीन टेस्ट मुकाबलों की सीरीज जीतकर अपनी ताकत का इजहार किया है। इस शानदार जीत के साथ वह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की अंक तालिका में अपनी श्रेष्ठता को मजबूत प्रदान की। इस सीरीज की विशेषता यह रही कि टीम के प्रत्येक खिलाड़ी ने टीम की जीत में योगदान दिया। पेश है, क्रिकेट एक्सपर्ट अयाज मेमन का भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन का रिपोर्ट कार्ड...
रोहित शर्मा (10/10) : टेस्ट क्रिकेट के निर्णायक मोड़ पर बतौर ओपनर शानदार शुरुआत। मिले अवसर को भुनाते हुए सीमित ओवर के हिटमैन ने सुपरहिट कारनामा कर दिया। दो शतक और एक द्विशक के साथ 500 से अधिक रन बनाकर अनूठी छाप छोड़ी।
मयंक अग्रवाल (8/10) : पिछले वर्ष ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिले मौके को बखूबी भुनाया। इस युवा ओपनर की कामयाबी की सबसे बड़ी वजह तकनीक के साथ लंबी पारी खेलने की काबिलियत। रोहित के साथ बेहतरीन तालमेल के साथ उन्होंने सीरीज में टीम को अच्छी शुरुआत प्रदान की।
चेतेश्वर पुजारा (6/10) : टॉप ऑर्डर में जहां एक ओर सभी बल्लेबाज जबर्दस्त प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं पुजारा अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए। हालांकि विपरीत परिस्थिति में उनके द्वारा बनाया गया अर्धशतक यादगार जरूर रहा।
विराट कोहली (9/10) : दूसरे टेस्ट में तूफानी 254 रन की द्विशतकीय पारी के बल पर भारतीय कप्तान ने रनों का अंबार लगाया। हालांकि बल्लेबाजी से उनकी नेतृत्व क्षमता ने छाप छोड़ी। टीम के लिए अधिक से अधिक अंक बंटोरने में वह तत्पर नजर आए।
अजिंक्य रहाणे (8/10) : लंबे इंतजार के बाद अजिंक्य ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन किया। मध्यक्रम में उनके मजबूत प्रदर्शन के चलते दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजी बेअसर नजर आई। रांची टेस्ट में टीम को नाजुक दौर से उबारते हुए उनकी शतकीय पारी लाजवाब रही।
रवींद्र जडेजा (8.5/10) : बतौर ऑलराउंडर जडेजा सीरीज में छाए रहे। छठे क्रम में प्रमोट होने के बाद उन्होंने दो अर्धशतकों के साथ 200 से अधिक रन बनाकर बल्लेबाजी की योग्यता साबित की। खब्बू स्पिनर और चुस्त क्षेत्ररक्षक के रूप में भी सुर्खियां बटोरते रहे।
रिद्धिमान साहा (7.5/10) : चोट के चलते लंबे समय बाद वापसी यादगार रही। टेस्ट क्रिकेट में विकेट के पीछे के शानदार प्रदर्शन से उन्होंने फिटनेस की अहमियत समझाई। यही वजह रही कि तेज और फिरकी गेंदबाजों को खुलकर प्रदर्शन करने का अवसर मिला। इस दौरान उन्होंने कुछ आकर्षक कैच भी लपके।
रविंचंद्रन अश्विन (8/10) : रविचंद्रन अश्विन की वापसी भी यादगार रही। उन्होंने 15 विकेट झटककर भारतीय पिचों पर अपना करिश्मा दोहराया। सटीक और बेखौफ आाक्रामण के साथ विविधता उनकी गेंदबाजी की खासियत रही।
ईशांत शर्मा (6/10) : ईशांत के प्रदर्शन का मूल्यांकन उन्हें सफलता से तौलना ठीक नहीं होगा। उन्हें भले ही दो ही विकेट प्राप्त हुए, लेकिन उनकी गेंदों पर विपक्षी बल्लेबाज असहज महसूस करते रहे। खासतौर से नई गेंदों के साथ उनके इनस्विंगर घातक साबित हुए।
मोहम्मद शमी (8.5/10) : स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में ईशांत की तरह शुरुआत में सफलता नहीं मिल पाई, लेकिन उन्होंने लगातार सही लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी करते हुए प्रतिद्वंद्वी बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ाया।
उमेश यादव (8/10) : उमेश की सफलता ने भारतीय बेंच स्ट्रेंथ की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है। ईशांत को आराम देने के लिए उमेश को उतारा गया था, लेकिन उन्होंने मौके को भुनाते हुए दो टेस्ट में 11 विकेट झटकर टीम में अपना स्थान मजबूत किया।
शहबाज नदीम (8/10) : अंतिम टेस्ट में चोटिल कुलदीप यादव को अपने घरेलू मैदान पर टेस्ट में पदार्पण का अवसर मिला। प्रथम श्रेणी के लंबे अनुभव के कारण नदीम का टेस्ट पदार्पण शानदार रहा। दोनों पारियों में 4 विकेट झटककर उन्होंने अंतिम टेस्ट की जीत को यादगार बनाया।