Ind vs Aus, 2nd Test: क्यूरेटर ने बनाई ऐसी पिच, इंडिया-ऑस्ट्रेलिया को बदलनी होगी रणनीति

वाका के पुराने स्टेडियम की परंपरा को बरकरार रखते हुए नए स्टेडियम में पहली बार हो रहे टेस्ट मैच के लिए तेज विकेट तैयार किया गया है।

By भाषा | Published: December 13, 2018 04:42 PM2018-12-13T16:42:35+5:302018-12-13T16:42:35+5:30

Ind vs Aus: Perth pitch curator unveils a green-top wicket | Ind vs Aus, 2nd Test: क्यूरेटर ने बनाई ऐसी पिच, इंडिया-ऑस्ट्रेलिया को बदलनी होगी रणनीति

Ind vs Aus, 2nd Test: क्यूरेटर ने बनाई ऐसी पिच, इंडिया-ऑस्ट्रेलिया को बदलनी होगी रणनीति

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पर्थ, 13 दिसंबर। वाका के मुख्य क्यूरेटर ब्रेट सिपथोर्प ने नए ओपस स्टेडियम के टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के लिए घसियाली पिच तैयार की है और उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे टेस्ट मैच के लिए वह उछाल वाला विकेट तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।

वाका के पुराने स्टेडियम की परंपरा को बरकरार रखते हुए नए स्टेडियम में पहली बार हो रहे टेस्ट मैच के लिए तेज विकेट तैयार किया गया है। इस पर काफी घास है जिससे दोनों टीमों को अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है।

सिपथोर्प ने दूसरे टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘हमें इसे तेज और उछाल वाली पिच तैयार करने के लिए कहा गया था। हम उछाल वाली विकेट बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

सिपथोर्प वैसा ही विकेट तैयार करना चाहते हैं जैसा उन्होंने पश्चिम ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच पिछले महीने शैफील्ड शील्ड मैच के लिये बनाया था। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी योजना वैसा ही विकेट तैयार करने की है जैसा हमने शैफील्ड शील्ड मैच के लिये बनाया था। हमें खिलाड़ियों से अच्छा फीडबैक मिला है। मुझे मैच के दौरान खिलाड़ियों से बहुत अधिक बातचीत करने में समय नहीं बिताना चाहिए लेकिन हम खिलाड़ियों से अधिक से अधिक फीडबैक लेना चाहते हैं।’’ 

सिपथोर्प ने कहा, ‘‘उनमें से किसी ने भी इसको लेकर नकारात्मक टिप्पणी नहीं की। वे सभी इसको लेकर सकारात्मक थे। हम चाहते हैं कि पिच पर उसी तरह की नमी रहे और हमें उम्मीद है कि इस बार भी विकेट से उसी तरह की तेजी और उछाल मिलेगी।’’

दोनों टीमों के पास मजबूत गेंदबाजी आक्रमण है और वे पहले गेंदबाजी करना पसंद करेंगे। क्यूरेटर ने हालांकि कहा कि कप्तानों को कोई फैसला करने से पहले पर्थ की गर्मी को भी ध्यान में रखना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी तेजी और उछाल और मूवमेंट के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन कोई इसको लेकर बात नहीं कर रहा है कि वे 38 डिग्री सेल्सियस तापमान में भारी दबाव को कितनी देर तक झेल सकते हैं। ’’

क्यूरेटर ने कहा, ‘‘यह चुनौती है। टास जीतने पर पहले बल्लेबाजी करते हुए आप परिस्थितियों का फायदा उठा सकते हो या फिर आप यह सोचते हो कि वास्तव में 38 डिग्री में 50 ओवरों के बाद हम काफी थक जाएंगे।’’ 

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