'अगर धोनी को लगता है कोई खिलाड़ी अच्छा नहीं है तो भगवान भी नहीं कर सकते उसकी मदद': एस बद्रीनाथ

MS Dhoni, S Badrinath: धोनी के साथ आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स में खेल चुके एस बद्रीनाथ ने कहा कि अगर धोनी किसी पर यकीन करते हैं तो वह अच्छा है और अगर नहीं करते तो भगवान भी उसकी मदद नहीं कर सकते

By अभिषेक पाण्डेय | Published: July 11, 2020 09:39 AM2020-07-11T09:39:29+5:302020-07-11T09:39:29+5:30

If Dhoni believes a player is not good enough, even god cannot help him: S Badrinath | 'अगर धोनी को लगता है कोई खिलाड़ी अच्छा नहीं है तो भगवान भी नहीं कर सकते उसकी मदद': एस बद्रीनाथ

एस बद्रीनाथ ने कहा कि धोनी जिस खिलाड़ी पर यकीन करते हैं, उसके लिए किसी भी हद तक जाते हैं (IPL)

googleNewsNext
Highlightsअगर धोनी का मानना है कि आप पर्याप्त रूप से अच्छे नहीं है, तो भगवान भी आपकी मदद नहीं कर सकते: एस बद्रीनाथअगर धोनी को लगता है कि ये सही है, तो वह उस प्रक्रिया पर कायम रहते हैं: बद्रीनाथ

एमएस धोनी को कई युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने वाले कप्तान के रूप में जाना जाता है। धोनी ने युवाओं को मौका दिया, मुश्किल परिस्थितियों में उनका समर्थन किया और मैदान पर उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मदद की। एक सच्चे कप्तान के ये सभी गुण धोनी में मौजूद हैं। धोनी के साथ आईपीए में खेल चुके एस बद्रीनाथ ने बतया है कि एक कप्तान के रूप में माही कैसे हैं।  

हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में धोनी के साथ आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलने वाले बद्रीनाथ ने कहा कि धोनी जिस खिलाड़ी पर भरोसा करेंगे उसका समर्थन करने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे लेकिन अगर उन्हें लगता है कि कोई खिलाड़ी अच्छा नहीं है तो भले ही भगवान आकर उनसे कहें, लेकिन वह तब भी अपना मन नहीं बदलेंगे। 

बद्रीनाथ ने कहा, 'धोनी ने हमेशा महसूस किया कि भूमिकाएं महत्वपूर्ण हैं और ज्यादातर समय मेरी भूमिका टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकालने की थी।'

'अगर धोनी को लगता है खिलाड़ी अच्छा नहीं है तो भगवान भी नहीं कर सकते मदद'

उन्होंने कहा, मेरी भूमिका मिडिल ऑर्डर में थी। धोनी की सबसे बड़ी ताकत ये है कि वह खिलाड़ियों को वह अतिरिक्त मौका देते हैं। अगर धोनी को यकीन है कि बद्री अच्छे हैं, तो हैं। बद्री वहां हैं। अगर उन्हें लगता है कि ये सही है, तो वह उस प्रक्रिया पर कायम रहते हैं। फिर वह सोचते हैं, 'मैं उसे मौका दूंगा, उसे खुद को साबित करने दीजिए।' 

उन्होंने कहा, 'इसी तरह, अगर उनका मानना है कि आप पर्याप्त रूप से अच्छे नहीं है, तो भगवान भी आपकी मदद नहीं कर सकते। उनकी अपनी मानसिकता है और फिर चाहे कुछ भी हो वह उस पर कायम रहते हैं।'

धोनी 2008 में आईपीएल की शुरुआत से ही चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान रहे हैं। ऐसे कई अवसर आए जब सीएके के लिए अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को धोनी की कप्तानी वाली भारतीय टीम में जगह मिली। इस मामले में सबसे आगे रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा रहे।

सीएसके फ्रेंचाइजी के बारे में बद्रीनाथ ने कहा कि टीम के अंदर का माहौल बदलता नहीं है, फिर चाहे खिलाड़ी मैच हारें या जीतें।'

बद्रीनाथ ने कहा, 'चाहे हम कैसा भी प्रदर्शन करें, मालिकों ने हमारे साथ ऐसा ही व्यवहार किया। इसके अलावा, हमारे पास हमेशा एक अद्भुत सौहार्द और टीम का माहौल था ... हमारे साथी मिलते हैं, बॉस हमेशा ऐसे होंगे जैसे कि 'हम आपको एक चैंपियन की तरह जानते हैं'। हमारे पास एमएस धोनी हमारे कप्तान के रूप में थे इसलिए यह ऊपर से धोनी और फिर टीम तक ऐसे ही रहा।'

Open in app