ऑस्ट्रेलियाई कोच जस्टिन लैंगर ने कहा है कि अगर उनके खिलाड़ी विकेट का जश्न भारतीय कप्तान विराट कोहली तरह मनाएं, तो उन्हें दुनिया में 'सबसे खराब आदमियों' के तौर पर देखा जाएगा।
लैंगर ने साथ ही ऐडिलेड टेस्ट के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया की धीमी बैटिंग के बाद सचिन तेंदुलकर के 'रक्षात्मक मानसिकता' वाले बयान पर भी नाराजगी जताई।
कोहली ऐडिलेड टेस्ट के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलियाई विकेट गिरने का जश्न अपने चिर-परिचित जोशीले अंदाज में मनाते दिखे थे। लैंगर ने कहा, 'ऐसा जुनून देखकर अच्छा लगा', लेकिन लगा कि अगर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ऐसा करते हैं तो उन्हें अलग तरह से देखा जाएगा।
लैंगर ने कहा, 'वह (कोहली) खेल के सुपरस्टार हैं और कप्तान हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम हमेशा यही विपक्षी कप्तान को जितना संभव हो दबाए रखना चाहती है। आप खेल में ये जुनून देखना पसंद करते हैं।'
ऑस्ट्रेलियाई कोच ने कहा, 'याद रखिए अगर हमने उस क्षण ऐसा किया होता, हम दुनिया के सबसे खराब आदमी होते।' ये सही सीमारेखा है, हैं ना?'
लैंगर ने कहा, 'यही इसकी सच्चाई है, लेकिन मुझे जुनून देखना पसंद है, ये एक महान जुनून है। लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि एक सही सीमारेखा है।'
लैंगर ने कहा कि मार्च में हुए बॉल-टैम्परिंग विवाद के बाद से टीम पर एक अलग स्तर के आकलन से खेल रही है।
इससे पहले सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियाई की धीमी बैटिंग पर कहा था कि उन्होंने घर में कभी भी ऑस्ट्रेलिया को इतनी रक्षात्मक मानसिकता के साथ नहीं देखा है।
सचिन की इस टिप्पणी से लैंगर सहमत नहीं दिखे और उन्होंने अपनी कम अनुभवी बैटिंग लाइन अप का बचाव किया।
लैंगर ने कहा, 'जिस टीम के साथ खेले उसमें एलन बॉर्डर, डेविड बून, स्टीव वॉ और मार्क वॉ और रिकी पॉन्टिंग थे। उन खिलाड़ियों के पास महान टेस्ट खेलने का अनुभव था और वे अपने खेल के बारे में जानते थे। वे अपने खेल को लेकर सहज थे और जानते कि उनसे क्या उम्मीदें हैं।'
उन्होंने कहा, 'जबकि अभी हमारे पास जो टीम है वह काफी कम अनुभवी है, खास तौर पर हमारी बैटिंग साइड।'
सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहले टेस्ट 1991 और आखिरी 2013 में खेला, उस दौर की ऑस्ट्रेलियाई टीम को वर्तमान टीम से कहीं बेहतर माना जाता है।