महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अफगानिस्तान के खिलाफ भारत की धीमी बैटिंग पर निराशा जताई है और कहा है कि एमएस धोनी-केदार जाधव समेत मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों में सकारात्मक इरादों का कमी नजर आई।
भारत का चर्चित मिडिल ऑर्डर अफगानिस्तान के स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक बैटिंग करने में विफल रहा और गुलबदीन नायब की टीम ने दो बार के चैंपियन भारत को 224 के स्कोर पर रोक दिया।
सचिन ने की धोनी और जाधव की बैटिंग की आलोचना
आखिरी ओवर में 16 रन की जरूरत के समय मोहम्मद नबी (52 रन) अपनी टीम को जीत के बेहद करीब ले आए थे, लेकिन आखिरकार अफगानिस्तान की टीम 213 रन पर सिमट गई। मोहम्मद शमी की आखिरी ओवर में ली गई हैट-ट्रिक और जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाजी ने भारत को जीत दिलाई।
सचिन तेंदुलकर ने इंडिया टुडे से कहा, 'मुझे थोड़ी निराशा हुई, ये थोड़ा बेहतर हो सकता था। मैं धोनी और जाधव की साझेदारी से खुश नहीं हूं, ये बहुत धीमी थी। हमने स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ 34 ओवर बैटिंग की औऱ 119 रन बनाए। ये एक ऐसा क्षेत्र रहा, जहां हम सहज नहीं दिखे। इसमें सकारात्मक इरादों की कमी दिखी।'
धोनी (52 गेंदों में 28) और जाधव (56 ) ने पांचवें विकेट के लिए 84 गेंदों में 57 रन की साझेदारी की, जिससे बीच के ओवरों में रन बनाने की गति धीमी हो गई।
तेंदुलकर ने कहा, '2-3 से ज्यादा डॉट गेंदें फेंकी गईं। 38वें ओवर में विराट के आउट होने के बाद और 45वें तक हमने ज्यादा रन नहीं बनाए। मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों ने ज्यादा आगे बढ़कर शॉच नहीं लगाए, जिससे उन पर दबाव बना। लेकिन मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों के लिए ये इरादा बेहतर हो सकता था।'
कप्तान कोहली की 67 रन की पारी के बावजूद इस टूर्नामेंट में भारतीय टॉप ऑर्डर पहली बार नाकाम हुआ।
तेंदुलकर ने इस बात के भी संकेत दिए कि सीनियर बल्लेबाज धोनी को हमला बोलना चाहिए था क्योंकि जाधव की बैटिंग का इस टूर्नामेंट में अभी तक टेस्ट हुआ नहीं था। इस मैच से पहले जाधव ने इस टूर्नामेंट में सिर्फ आठ गेंदें खेली थी, जिसका मौका उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ मैच में बैटिंग के दौरान मिला था।
सचिन ने कहा, 'केदार जाधव दबाव में थे, वह अब तक इस टूर्नामेंट में खेले नहीं थे। उन्हें किसी के द्वारा परिस्थिति के हिसाब से आक्रामक बैटिंग की जरूरत थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।'
तेंदुलकर ने कहा, 'धोनी और केदार दोनों ही आवश्यक स्ट्राइक रेट के मुताबिक खेलने में असफल रहे। वे बीच के ओवर बेहतर हो सकते थे और यही वजह है कि जाधव दबाव में थे।'