इंग्लैंड और न्यूजीलैंड बुधवार को विश्व कप के ग्रुप चरण के अपने आखिरी मैच में जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे। हालांकि हार से भी दोनों टीमों की उम्मीदें समाप्त नहीं होंगी और 10 टीमों के बीच राउंड रॉबिन आधार पर खेले जा रहे टूर्नामेंट में उनके पास आगे बढ़ने का मौका बना रहेगा।
इंग्लैंड की टीम पिछले मैच में भारत पर 31 रन से जीत के बाद आत्मविश्वास से भरी है। यह जीत उसे श्रीलंका और मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से लगातार दो हार के बाद मिली है। भारत के खिलाफ जीत इंग्लैंड के लिये इसलिए भी महत्वपूर्ण रही क्योंकि उसके वे कारक फिर से सामने आए, जिससे पिछले कुछ वर्षों में वह वनडे में चरम पर पहुंचने में सफल रहा था। जॉनी बेयरस्टॉ (111) और चोट से उबरने के बाद वापसी करने वाले जेसन रॉय (66) ने पहले विकेट के लिए 160 रन जोड़े जिसके बाद बेन स्टोक्स ने 79 रन की धमाकेदार पारी खेली थी। यह उनका लगातार तीसरा अर्धशतक है। इससे इंग्लैंड ने सात विकेट पर 337 रन बनाए।
पहली बार विश्व कप जीतने की कवायद में लगे इंग्लैंड ने इसके बाद अच्छी गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण किया। क्रिस वोक्स ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया जबकि लियाम प्लंकेट (55 रन देकर तीन) ने फिर से बीच के ओवरों में विकेट निकाले। वोक्स ने कहा, ‘‘दबाव की परिस्थितियों में इस तरह की जीत हमें अच्छी स्थिति में खड़ा कर सकती है। उम्मीद है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ और टूर्नामेंट में उसके बाद भी यह कायम रहेगी। ’’ दूसरी तरफ न्यूजीलैंड लगातार दो मैचों में हार के बाद इस मैच में उतरेगा। उसे पाकिस्तान और आस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैट्रिक लेने वाले तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट और तूफानी गेंदबाज लॉकी फर्गुसन का सामना करना किसी भी टीम के लिये चुनौती होगी। न्यूजीलैंड स्पिनर ईश सोढ़ी की जगह पर एक अन्य तेज गेंदबाज मैट हेनरी को अंतिम एकादश में रख सकता है क्योंकि रिवरसाइड की पिच से स्पिनरों को बहुत अधिक मदद नहीं मिलती है, लेकिन जहां इंग्लैंड के कई बल्लेबाज अच्छी फार्म में हैं वहीं न्यूजीलैंड कप्तान केन विलियमसन और वरिष्ठ बल्लेबाज रॉस टेलर पर बहुत अधिक निर्भर है।
कॉलिन मुनरो को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से बाहर किया गया था, जबकि दूसरे सलामी बल्लेबाज मार्टिन गुप्टिल श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 73 रन बनाने के बाद अगली छह पारियों में केवल 85 रन ही बना पाये हैं। विकेटकीपर बल्लेबाज टॉम लैथम भी नहीं चल पाये हैं। उन्होंने अभी तक टूर्नामेंट में केवल 8.2 की औसत से रन बनाए हैं।