ICC World Cup 2019: हार के बाद टीम इंडिया में हो सकते हैं बदलाव, जाधव और कार्तिक पर गिरेगी गाज!

Kedar Jadhav, Dinesh Karthik: आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 में भारतीय टीम के बाहर होने के बाद मिडिल ऑर्डर में बदलाव संभव की संभावना है, जाधव और कार्तिक पर गिर सकती है गाज

By भाषा | Published: July 11, 2019 03:59 PM2019-07-11T15:59:32+5:302019-07-11T15:59:32+5:30

ICC World Cup 2019: End of road for Kedar Jadhav, Dinesh Karthik, as Indian middle-order revamp is expected | ICC World Cup 2019: हार के बाद टीम इंडिया में हो सकते हैं बदलाव, जाधव और कार्तिक पर गिरेगी गाज!

भारत की वर्ल्ड कप में हार की ठीकरा कार्तिक और जाधव के सिर फूट सकता है!

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लंदन, 11 जुलाई: भारत के कमजोर मध्यक्रम में आमूलचूल बदलाव की संभावना है और ऐसे मे अगले साल होने वाले विश्व टी20 को ध्यान में रखते हुए केदार जाधव और दिनेश कार्तिक जैसे कामचलाऊ विकल्पों को टीम से बाहर किया जा सकता है। महेंद्र सिंह धोनी ने जब से कप्तानी संभाली थी तब से एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप के लिए कम से कम दो साल और टी20 के लिए लगभग 18 महीने पहले से टीम तैयार करने की नीति चल रही है।

सीमित ओवरों का भारत का अगला बड़ा टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलिया में अगले साल होने वाला विश्व टी20 होगा जो चार साल बाद हो रहा है। एमएसके प्रसाद की अगुआई वाली चयन समिति बीसीसीआई के चुनाव होने तक प्रभारी रहेगी लेकिन उम्मीद है कि बदलाव के दौर में भी यही समिति जिम्मेदारी संभालेगी जिसमें अगले 14 महीने में ध्यान सबसे छोटे प्रारूप पर अधिक होगा।

जाधव और कार्तिक जैसे कामचलाऊ खिलाड़ियों की मौजूदगी वाला भारत का कमजोर मध्यक्रम उपमहाद्वीप के बाहर के हालात में दबाव की स्थिति से निपटने में सक्षम नहीं था। यह मौजूदा टीम की सबसे बड़ी कमजोरी थी और विश्व कप सेमीफाइनल जैसे नतीजे की आशंका सभी को थी।

चहल और कुलदीप का प्रदर्शन बहुत कामयाब नहीं रहा

रोहित शर्मा, विराट कोहली और लोकेश राहुल का एक साथ बुरा दिन होने का खामियाजा भुगतना पड़ा और इससे भी निराशाजनक यह रहा कि ऐसा नॉकआउट मैच में हुआ। चैम्पियन्स ट्रॉफी 2017 के फाइनल में हार के बाद भारत की एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम के कोर खिलाड़ी चुन लिए गए थे और कोच रवि शास्त्री और कप्तान कोहली ने दो कलाई के स्पिनरों पर मैच विजेता के रूप में भरोसा किया था।

कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने विश्व कप में काफी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया लेकिन द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में इनका प्रदर्शन शानदार रहा। विश्व कप ही नहीं बल्कि इससे दो साल पहले से ही भारत के पास कोई प्लान बी नहीं था लेकिन कोहली और रोहित की बेहतरीन फॉर्म और इनके शतकों ने टीम की बल्लेबाजी की कमजोरियों को उजागर नहीं होने दिया। महेंद्र सिंह धोनी की डेथ ओवरों में आक्रामक बल्लेबाजी की क्षमता में गिरावट आई है जबकि हार्दिक पंड्या बल्लेबाजी को अधिक प्रभावित नहीं कर पाए।

मनीष पांडेय, श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों की अनदेखी

मनीष पांडेय और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों को पर्याप्त मौके दिए बिना ही विश्व कप की योजनाओं से बाहर कर दिया गया। भारत के भविष्य के बल्लेबाज माने जा रहे शुभमन गिल को न्यूजीलैंड में दो मैचों में मौका दिया गया लेकिन इसके बाद टीम से बाहर कर दिया गया। विश्व कप ने हालांकि सबक दिया कि कार्तिक और जाधव जैसे खिलाड़ी कभी कभार निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं लेकिन इन पर अधिक भरोसा नहीं किया जा सकता।

कार्तिक के पास इंग्लैंड के हालात में खेलने वाला खेल नहीं था और उनके विकेटकीपिंग कौशल के कारण उन्हें टीम के साथ रखा गया। जाधव भी डेथ ओवरों में तेजी से रन बटोरने में सक्षम नहीं और पैर की मांसपेशियों में लगातार चोट के बावजूद उन पर बार बार भरोसा किया गया। धोनी के खेल का अगर प्रभाव देखना है तो इसके लिए दूसरे छोर पर जडेजा या पंड्या जैसा बल्लेबाज चाहिए जो तेजी से रन जुटाने में सक्षम हो।

केदार जाधव और दिनेश कार्तिक पर गिर सकती है गाज

टीम ने हालांकि जाधव और कार्तिक जैसे टुकड़ों में प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को विशेषज्ञ बनाने का प्रयास करने की गलती की। भारत की पांच सदस्यीय चयन समिति को कुल मिलाकर 20 टेस्ट खेलने का भी अनुभव नहीं है। यह समिति सही आकलन नहीं कर पाई कि वे आखिर चाहते क्या हैं क्योंकि उसे ऐसे खिलाड़ी चुनने होंगे जिसके साथ कप्तान सहज हो। हालांकि विश्व टी20 करीब है और कोहली ने स्पष्ट कर दिया है कि आत्मविश्लेषण किया जाएगा। ऐसे में कुछ बदलावों की उम्मीद है लेकिन कोर खिलाड़ियों से संभवत: छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।

इसके अलावा 20 खिलाड़ियों के कोर समूह की पहचान की जाएगी जो अगले साल या इससे बाद 50 और 20 ओवर दोनों प्रारूपों में खेलें। इस समूह में कार्तिक और जाधव को अधिक अहमियत मिलने की संभावना नहीं है। भविष्य पर नजर डाली जाए तो कोहली, रोहित, राहुल, हार्दिक, जसप्रीत बुमराह, ऋषभ पंत, कुलदीप यादव और भुवनेश्वर कुमार अगले कुछ वर्षों के दौरान छोटे प्रारूप में कोर खिलाड़ी होंगे। चहल और मोहम्मद शमी भी योजनाओं का हिस्सा होंगे।

पांडेय, अय्यर और गिल को हालांकि अगले साल विश्व टी20 से पहले अधिक मौके दिए जाने की जरूरत है। पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल को भी नहीं भूलना चाहिए जिन्हें आक्रामक बल्लेबाज माना जाता है।

तेज गेंदबाजों नवदीप सैनी, खलील अहमद और दीपक चहर, लेग स्पिनर राहुल चहर और मयंक मार्कंडेय, आलराउंडर कृणाल पंड्या और विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन को भी मौके दिए जा सकते हैं। घरेलू टूर्नामेंटों में काफी सफल नहीं होने के बावजूद भारत ए के कोच राहुल द्रविड़ संजू सैमसन को काफी प्रतिभावान मानते हैं। सैमसन छोटे प्रारूप में पंत को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। उनका विकेटकीपिंग कौशल भी हालांकि काफी स्तरीय नहीं है। 

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