ICC World Cup 2019: कभी बने थे हार से 'विलेन', न्यूजीलैंड में जन्मे बेन स्टोक्स बने इंग्लैंड की जीत के हीरो

एक शानदार कैच लपककर विश्व कप में आगाज करने वाले स्टोक्स टूर्नामेंट के आखिर में खुशी के आंसू पोंछते नजर आए। यह अतीत की नाकामियों और विवादों को पीछे छोड़ने की खुशी थी...

By भाषा | Published: July 15, 2019 04:01 PM2019-07-15T16:01:34+5:302019-07-15T16:01:34+5:30

ICC World Cup 2019: Ben Stokes goes from villain to hero in one glorious day | ICC World Cup 2019: कभी बने थे हार से 'विलेन', न्यूजीलैंड में जन्मे बेन स्टोक्स बने इंग्लैंड की जीत के हीरो

ICC World Cup 2019: कभी बने थे हार से 'विलेन', न्यूजीलैंड में जन्मे बेन स्टोक्स बने इंग्लैंड की जीत के हीरो

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2 बरस पहले एक नाइटक्लब के बाहर झगड़े के कारण क्रिकेट के बाहर होने की कगार पर खड़े बेन स्टोक्स को विश्व कप में उनके प्रदर्शन ने इंग्लैंड का नूर-ए-नजर बना दिया और फाइनल में जीत के सूत्रधार रहे इस हरफनमौला का नाम इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। 

एक शानदार कैच लपककर विश्व कप में आगाज करने वाले स्टोक्स टूर्नामेंट के आखिर में खुशी के आंसू पोंछते नजर आए। यह अतीत की नाकामियों और विवादों को पीछे छोड़ने की खुशी थी, टीम के लिए भी और स्टोक्स के लिये भी। फाइनल में नाबाद 84 रन बनाकर मैन ऑफ द मैच रहे स्टोक्स ने सुपर ओवर में जोस बटलर के साथ 15 रन बनाये। न्यूजीलैंड ने भी सुपर ओवर में 15 रन बनाए, लेकिन ज्यादा चौकों छक्कों के कारण इंग्लैंड विजेता रहा। 

स्टोक्स ने जीतने के बाद कहा, ‘‘मेरे पास शब्द नहीं है। मैने बहुत मेहनत की और अब दुनिया के सामने हम चैम्पियन बनकर खड़े हैं। यह अद्भुत है। इस तरह के लम्हों के लिये ही आप क्रिकेटर बनते हैं।’’ 

ऑस्ट्रेलिया में ब्रिस्टल में नाइटक्लब के बाहर झगड़े के कारण स्टोक्स 2017-18 की एशेज श्रृंखला नहीं खेल सके थे। उसके बाद साथी खिलाड़ियों ने टीम में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और विश्व कप में अपने प्रदर्शन से इस हरफनमौला ने उसका बदला चुकाया। 

न्यूजीलैंड में जन्में स्टोक्स ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले ही मैच में एंडिले फेलुक्वायो का शानदार कैच लपका था। उसके बाद नाबाद 82 और 89 रन बनाए। भारत के खिलाफ करो या मरो के मैच में उन्होंने 79 रन जोड़े। न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल में चार विकेट जल्दी निकलने के बाद वह इंग्लैंड के ‘संकटमोचक’ बने। उनके बल्ले से टकराकर ‘ओवर-थ्रो ’ पर गेंद जिस तरह से चार रन के लिए गई। इससे बानगी मिल गई कि यह दिन उनका था, उनकी टीम का था। 

यह सफर पिछले विश्व कप से पहले दौर से बाहर हुई इंग्लैंड की टीम का ही नहीं था बल्कि उसके इस होनहार खिलाड़ी का भी था। दुनिया को क्रिकेट सिखाकर कभी खुद खिताब नहीं जीत पाने का मलाल इंग्लैंड ने दूर किया, वहीं खलनायक से महानायक बने स्टोक्स ने जिजीविषा, जुझारूपन और हार न मानने के जज्बे की नयी मिसाल पेश की।

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