17 साल बाद रिकी पोंटिंग ने भारत को दिलाई 'विश्व कप' हार की याद, शेयर की ये 'खास' तस्वीर

इस खिताबी मुकाबले में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों से सजी टीम 39.2 ओवर में महज 234 रन पर सिमट गई थी।

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: March 23, 2020 02:18 PM2020-03-23T14:18:43+5:302020-03-23T14:22:24+5:30

ICC World Cup 2003: Ricky Ponting tweets pic of bat he used to slaughter India in 2003 WC final | 17 साल बाद रिकी पोंटिंग ने भारत को दिलाई 'विश्व कप' हार की याद, शेयर की ये 'खास' तस्वीर

17 साल बाद रिकी पोंटिंग ने भारत को दिलाई 'विश्व कप' हार की याद, शेयर की ये 'खास' तस्वीर

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Highlights23 मार्च 2003 को जोहान्सबर्ग में खेला गया था विश्व कप फाइनल।भारत को मिली थी 125 रन से शर्मनाक हार।

23 मार्च 2003... आज से ठीक 17 साल पहले भारतीय फैंस के सपने टूट गए थे। ये ख्वाब था साल 1983 के बाद दूसरी बार क्रिकेट में विश्व विजेता बनने का, जो सौरव गांगुली की अगुवाई में उस वक्त पूरा ना हो सका।

पोंटिंग का शतक, भारत को विशाल टारगेट: टीम इंडिया ने ग्रुप स्टेज में सिर्फ एक ही मैच हारा था, वो भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ। वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम को कोई नहीं हरा सका था। खिताबी मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत दमदार रही। सलामी बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट (57) और मैथ्यू हेडन (37) ने पहले विकेट के लिए 13.6 ओवर में 105 रन जोड़ लिए थे।

इसके बाद कप्तान रिकी पोंटिंग ने डेमियन मार्टिन के साथ अटूट 234 रन की साझेदारी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को निर्धारित 50 ओवरों में 359/2 के स्कोर तक पहुंचाया। पोंटिंग ने 121 गेंदों में 8 छक्कों और 4 चौकों की मदद से नाबाद 140, जबकि मार्टिन ने 84 बॉल में 8 बाउंड्री की मदद से नॉट आउट 88 रन की पारी खेली। भारत की ओर से हरभजन सिंह एकमात्र सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने 2 विकेट झटके।

टीम इंडिया की खराब शुरुआत, भारत की शर्मनाक हार: इस विशाल टारगेट का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत खराब रही। टीम ने अपने 3 विकेट सिर्फ 59 रन पर ही गंवा दिए थे। कप्तान सौरव गांगुली ने 24 रन की पारी खेली और वीरेंद्र सहवाग के साथ दूसरे विकेट के लिए 54 रन भी जोड़े, लेकिन इससे काम ना बन सका।

सहवाग ने दूसरे छोर पर मोर्चा थामे रखा और राहुल द्रविड़ (47) के साथ चौथे विकेट के लिए 88 रन जुटाए, लेकिन इसके बाद युवराज सिंह (24) और दिनेश मोंगिया (12) ही दहाई के आंकड़े को छू सके।

सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों से सजी टीम 39.2 ओवर में महज 234 रन पर सिमट गई। यानी डेमियन मार्टिन-रिकी पोंटिंग की जोड़ी ने जितने रनों की साझेदारी की, उतना ही पूरी टीम इंडिया बना सकी और भारत 125 रन के बड़े अंतर से ट्रॉफी गंवा बैठा।

उस वक्त के ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने ठीक 17 साल बाद एक बार फिर उस दिन को याद करते हुए ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने अपने उसी बल्ले की तस्वीर शेयर की है, जिससे उन्होंने ऐतिहासिक (नाबाद 140) पारी खेली थी।

उन्होंने ट्वीट में लिखा, "हम सभी को थोड़ा समय मिला है क्योंकि हमसब घर पर हैं। मैंने सोचा कि मैंने अपने करियर में जो कुछ भी रखा है उसे आप सब के बीच साझा करूंगा। यह वह बल्ला है, जिसे मैंने 2003 विश्व कप के फाइनल में इस्तेमाल किया था।"

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