World Cup से पहले आत्मविश्वास में चहल, बोले- ऑस्ट्रेलिया सीरीज पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं

एकदिवसीय में 41 मैचों में 72 विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘ जब हम सपाट पिचों की बात करते है तो एक गेंदबाज के तौर पर अगर मैं दबाव में रहूंगा तो विपक्षी टीम का गेंदबाज भी इतने ही दबाव में रहेगा।’’ 

By भाषा | Published: May 25, 2019 03:20 PM2019-05-25T15:20:43+5:302019-05-25T15:20:43+5:30

ICC Cricket World Cup 2019: Yuzvendra Chahal says his bowling partnership with Kuldeep Yadav was no different during Australia series | World Cup से पहले आत्मविश्वास में चहल, बोले- ऑस्ट्रेलिया सीरीज पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं

World Cup से पहले आत्मविश्वास में चहल, बोले- ऑस्ट्रेलिया सीरीज पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं

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ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने भारत के खिलाफ पिछली एकदिवसीय श्रृंखला में स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाया लेकिन युजवेंद्र चहल को लगता है कि एक खराब श्रृंखला के कारण विश्व कप में उनके और कुलदीप यादव के प्रदर्शन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। 

न्यूजीलैंड में अच्छे प्रदर्शन के बाद चहल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिर्फ एक मैच खेल सके। खराब क्षेत्ररक्षण के कारण किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और फिर एश्टोन टर्नर ने उनके खिलाफ बड़े शाट लगाये। चहल ने इंग्लैंड जाने से पहले पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमें ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला को लेकर बहुत अधिक चिंता करने की आवश्यकता है। हमने उनके खिलाफ काफी मैच खेले हैं। जाहिर है, आप हर मैच को नहीं जीत सकते। जिस तरह से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने हमारे खिलाफ खेला, वे जीत के हकदार थे। हमें उनकी तारीफ करनी चाहिए और अगली बार जब हम उनका सामना करेंगे तो अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे।’’

भारतीय टीम ने इस श्रृंखला को 3-2 से गंवा दिया था लेकिन टीम के लिए चिंता की बात ये रही कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने कुलदीप और चहल की गेंदबाजी को अच्छे से पढ़ रहे थे। इसके बाद टीम प्रबंधन दोनों को एक साथ खिलाने से परहेज कर रहा था। चहल की जगह रविन्द्र जडेजा को मौका दिया गया था। चहल से जब पूछा गया कि क्या पिछले कुछ महीने पहले 18 महीने से अलग थे तो उन्होंने सकारात्मक तरीके से जवाब दिया। उन्होंने कहा,‘‘ पिछले छह महीने में जब मैं या कुलदीप अंतिम 11 में शामिल रहे हो मुझे ज्यादा बदलाव नजर नहीं आता है। मुझे लगता है ज्यादातर मौके पर हम दोनों से साथ बल्लेबाजी की है। यह टीम संयोजन पर निर्भर करता है और उस परिस्थिति में क्या जरूरी है।’’ 

इंग्लैंड की सपाट पिचें गेंदबाजों के लिए किसी बुरे सपने की तरह हो सकती है लेकिन हरियाणा के 28 साल का यह लेग स्पिनर इससे ज्यादा परेशान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं कि इंग्लैंड में पिचें सपाट होगी क्योंकि मैं ऐसी पिचों पर खेलने का आदी हूं। यह मत भूलिये की मैं साल में ज्यादातर मैच चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेलता हूं जो बल्लेबाजी के लिए सबसे अच्छी पिचों में से एक है।’’ 

एकदिवसीय में 41 मैचों में 72 विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘ जब हम सपाट पिचों की बात करते है तो एक गेंदबाज के तौर पर अगर मैं दबाव में रहूंगा तो विपक्षी टीम का गेंदबाज भी इतने ही दबाव में रहेगा।’’ 

चहल की सबसे बड़ी ताकत निडर होकर गेंदबाजी करना है जिससे आंद्रे रसेल और डेविड वार्नर जैसे बल्लेबाजों के खिलाफ उन्हें इस मानसिकता से फायदा होता है। चहल ने कहा, ‘‘दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों के खिलाफ आप रक्षात्मक नीति नहीं अपना सकते। जब आप रसेल और वॉर्नर जैसे बल्लेबाजों के खिलाफ गेंदबाजी करते है तो आप उन्हें रोकने के बारे में नहीं सोचते है। वे ऐसे खिलाड़ी है जिसके खिलाफ आपको आक्रामक होना होगा और हर गेंद विकेट लेने के लिए करना होगा। मैं उनके खिलाफ हर बार सर्वश्रेष्ठ गेंद फेंकने की कोशिश करता हूं।’’

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