Highlightsशशांक मनोहर ने आईसीसी चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया।अगले हफ्ते शुरू होगी नए चेयरमैन की प्रक्रिया।नए अध्यक्ष पद की दौड़ में कॉलिन ग्रावेस और डेव कैमरन।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के चेयरमैन शशांक मनोहर ने 2 साल के दो कार्यकाल पूरे करने के बाद इस्तीफा दे दिया है। मनोहर को 2016 में पहली बार आईसीसी का स्वतंत्र चेयरमैन नियुक्त किया गया था। आईसीसी के नियमों के अनुसार मनोहर दो और साल के लिए अपने पद पर रह सकते थे क्योंकि अधिकतम तीन कार्यकाल की स्वीकृति है।
अब वाइस चेयरमैन इमरान ख्वाजा अंतरिम अध्यक्ष के रूप में चुनाव प्रक्रिया निर्धारित होने तक पदभार संभालेंगे। नए चेयरमैन के लिए चुनाव की प्रक्रिया अगले सप्ताह के भीतर होने की उम्मीद है।
आईसीसी ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर ने दो साल के दो कार्यकाल के बाद पद छोड़ दिया है। आईसीसी बोर्ड ने आज (1 जुलाई) बैठक की और सहमति जताई कि उप चेयरमैन इमरान ख्वाजा उत्तराधिकारी के चयन तक चेयरमैन की जिम्मेदारी निभाएंगे।’’
डेव कैमरन आईसीसी चेयरमैन बनने की दौड़ में शामिल: क्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्ल्यूआई) के पूर्व प्रमुख डेव कैमरन आईसीसी के अगले अध्यक्ष के तौर पर भारत के शशांक मनोहर की जगह लेने की दौड़ में शामिल हैं।
6 साल CWI अध्यक्ष पद पर रहे कैमरन: डेव 2013 से 2019 तक सीडब्ल्यूआई के अध्यक्ष रह चुके हैं। कैमरन ने ‘जमैका ग्लीनर’ से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हमें एक स्थायी वित्तीय मॉडल खोजने की जरूरत है जहां टीमें योग्यता के मुताबिक कमाई कर सकें। क्रिकेट के तीन बड़े देशों भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के पास टूर्नामेंट, दर्शकों और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन छोटे राष्ट्रों को हमेशा वित्तीय सहायता के लिए आईसीसी का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। इसलिए हम जो चाहते हैं अगर वह राजस्व का बराबर हिस्सा नहीं बंटा तो भी यह बंटवारा न्यायसंगत होना चाहिए।’’
कैमरन को 2 नामांकन की जरूरत: सीडब्ल्यूआई के पूर्व अध्यक्ष को मैदान में बने रहने के लिए दो नामांकन की आवश्यकता होगी और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उन्हें सीडब्ल्यूआई के मौजूदा प्रमुख रिकी स्केरिट समर्थन देंगे। दोनों के मतभेद सार्वजनिक तौर पर उजागर हो गये थे।
ग्रावेस भी इस रेस में: इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख कॉलिन ग्रावेस भी इस रेस में शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज ग्रावेस की दावेदारी के पक्ष में है। भारतीय बोर्ड से भी उनके अच्छे संबंध हैं।