इतने साल खेलकर मैंने सब कुछ पाया सिवाय वर्ल्ड कप के, 2021 में फिर करूंगी कोशिश: मिताली राज

Mithali Raj: भारत की वनडे कप्तान मिताली राज ने कहा है कि दो बार वर्ल्ड कप के करीब पहुंचकर भी असफल होने के बाद अब वह अब 2021 में फिर से इसे जीतने की कोशिश करेंगी

By भाषा | Published: August 1, 2020 10:54 PM2020-08-01T22:54:58+5:302020-08-01T23:08:12+5:30

I will try to win world cup again in 2021: Mithali Raj | इतने साल खेलकर मैंने सब कुछ पाया सिवाय वर्ल्ड कप के, 2021 में फिर करूंगी कोशिश: मिताली राज

उम्मीद है 2021 में हम जीत जाएंगे वर्ल्ड कप: मिताली राज (File Pic)

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Highlightsइतने साल खेलकर मैंने सब कुछ पाया सिवाय विश्व कप के, 2021 में फिर करूंगी कोशिश: मिताली राजउम्मीद है कि सभी की शुभकामनाओं से इस बार हम जीत पायेंगे: मिताली राज

नई दिल्ली: भारत की एकदिवसीय क्रिकेट कप्तान मिताली राज ने कहा है कि उनका पूरा ध्यान अगले साल विश्व कप जीतकर अपने करियर का सफलता के शिखर पर अंत करने पर लगा है। भारत दो बार विश्व कप जीतने के करीब पहुंचकर चूक गया। मिताली की कप्तानी में भारत 2017 विश्व कप फाइनल में पहुंचा लेकिन मेजबान इंग्लैंड से हार गया। इसके एक साल बाद वेस्टइंडीज में टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गई।

मिताली ने स्टार स्पोटर्स के एक तेलुगू कार्यक्रम में कहा, ‘‘2013 में जब भारत में विश्व कप हुआ था, हम सुपर सिक्स में भी नहीं पहुंचे थे। मुझे बहुत दुख हुआ था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सोचा 2017 विश्व कप में कोशिश करते हैं। मैंने विश्व कप के लिये बहुत मेहनत की। बतौर खिलाड़ी, कप्तान काफी होमवर्क किया। जब हम फाइनल में पहुंचे तो मैंने सोचा कि फाइनल जीतकर मैं संन्यास ले लूंगी।’’

उम्मीद है हम 2021 में वर्ल्ड कप जीत जाएंगे: मिताली राज

उन्होंने कहा, ‘‘इतने साल खेलकर मैंने सब कुछ पाया सिवाय विश्व कप के। 2021 में मैं फिर कोशिश करूंगी। उम्मीद है कि सभी की शुभकामनाओं से इस बार हम जीत पायेंगे।’’

37 वर्ष की मिताली ने पिछले साल टी20 क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उनका मानना है कि बीसीसीआई को पांच साल पहले महिला क्रिकेट को अपनी छत्रछाया में ले लेना चाहिये था। उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट को 2006-07 में अपनी छत्रछाया में लिया। यह पांच साल पहले हुआ होता तो और बेहतर रहता। उस समय कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे लेकिन पैसे के अभाव और खेल के मार्फत आर्थिक स्थिरता नहीं मिलने से उन्होंने दूसरा पेशा चुना।’’

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