पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान जैसा बनना चाहते हैं बाबर आजम, आजकल सीख रहे अंग्रेजी

आजम ने कहा कि संपूर्ण कप्तान बनने के लिए आपको सहजता से मीडिया से बात करने में सक्षम होना चाहिए और लोगों के सामने आपको आसानी से खुद को जाहिर करना चाहिए...

By भाषा | Published: May 19, 2020 12:08 PM2020-05-19T12:08:40+5:302020-05-19T12:16:41+5:30

I want to be like Imran Khan: Babar Azam | पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान जैसा बनना चाहते हैं बाबर आजम, आजकल सीख रहे अंग्रेजी

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान जैसा बनना चाहते हैं बाबर आजम, आजकल सीख रहे अंग्रेजी

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पाकिस्तान के सीमित ओवरों के कप्तान बाबर आजम महान क्रिकेटर इमरान खान की आक्रामक कप्तानी से सीख लेना चाहते हैं और इस ऑलराउंडर की तरह ‘संपूर्ण नेतृत्वकर्ता’ बनने के लिए क्रिकेट के अलावा अपनी अंग्रेजी में भी सुधार कर रहे हैं।

पहले ही टी20 टीम की कमान संभाल रहे आजम को पिछले हफ्ते एकदिवसीय टीम का भी कप्तान नियुक्त किया गया था। पिछले साल तीनों प्रारूपों में दुनिया के शीर्ष बल्लेबाजों में शामिल रहे आजम ने 2020-2021 सत्र के लिए एकदिवसीय कप्तान के रूप में विकेटकीपर-बल्लेबाज सरफराज अहमद की जगह ली।

आजम ने कहा, ‘‘इमरान खान काफी आक्रामक कप्तान थे और मैं उसकी तरह बनना चाहता हूं। पाकिस्तान टीम की कप्तानी करना आसान काम नहीं है लेकिन मैं अपने सीनियर खिलाड़ियों से सीख रहा हूं और अंडर-19 टीम के साथ खेलने के समय से ही मुझे कप्तानी का अनुभव है।’’

पाकिस्तान की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान ने सोमवार को कहा, ‘‘आजकल बल्लेबाजी पर ध्यान देने के अलावा मैं अंग्रेजी भी सीख रहा हूं।’’

पच्चीस साल के बाबर ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पाकिस्तान की रैंकिंग से भी संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम जहां हैं मैं उससे खुश नहीं हूं और इस टीम को रैंकिंग में ऊपर देखना चाहता हूं।’’

बाबर ने उम्मीद जताई कि इस साल आस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप का आयोजन होगा क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की प्रतियोगिता में अपनी टीम की अगुआई करना चाहते हैं।

कोविड-19 महामारी के बीच जुलाई में तीन टेस्ट और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की श्रृंखला के लिए इंग्लैंड जाने के बारे में पूछे जाने पर बाबर ने कहा कि खिलाड़ियों को सहज और सुरक्षित महसूस कराने के लिए काफी कड़ी मेहनत और योजना की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड का दौरा करना आसान नहीं होगा। खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और समूचित इंतजाम होने पर ही दौरा संभव होगा।’’

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