Highlightsभारतीय कप्तान विराट कोहली ने महानतम बल्लेबाजों में शुमार विव रिचर्ड्स से की बातचीतकोहली और विव रिचर्ड्स दोनों ने बाउंसर को लेकर अपनी राय रखी, अपनी बैटिंग पर की चर्चाविव रिचर्ड्स भी आक्रामक क्रिकेटर थे और वह विराट कोहली कै बैटिंग के जबर्दस्त फैन हैं
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने गुरुवार से एंटीगा के नॉर्थ साउंड में वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच से पहले लेजेंड क्रिकेटर सर विव रिचर्ड्स का इंटरव्यू लिया।
बीसीसीआई की वेबसाइट पर अपलोड किए गए वीडियो में इन दोनों क्रिकेटरों की बातचीत को शेयर किया गया है, जिसमें कोहली ने रिचर्ड्स से कई मुद्दों पर चर्चा की है।
कोहली द्वारा ये पूछे जाने पर कि वह बिना हेमलेट वाले युग में तेज गेंदबाजों की बाउंसर का उन्होंने बेखौफ होकर कैसे सामना किया?
विव रिचर्ड्स ने बताया, बिना हेलमेट के कैसे किया बाउंसर्स का सामना
67 वर्षीय रिचर्ड्स ने कहा, मुझे यकीन था कि मैं मर्द हूं। ये थोड़ा अंहकारी लग सकता है, लेकिन मैंने हमेशा खुद पर भरोसा किया।'
उन्होंने कहा, 'लेकिन मैंने हमेशा महसूस किया कि मैं उस खेल का हिस्सा हूं जिसे मैं जानता हूं। मैंने हमेशा खुद पर भरोसा किया। आपको चोटिल होने के लिए, पारियां खेलने के लिए खुद पर भरोसा करना होता है।'
विव रिचर्ड्स ने कहा, 'लेकिन मैंने हेलमेट आजमाया, मैं झूठ नहीं बोलूंगा। लेकिन ये थोड़ा असहज महसूस हुआ। इसलिए मुझे लगा कि मेरी कैप, मेरी मरून कैप जो मुझे दी गई है। मैंने उसके साथ बहुत गौरवान्वित महसूस किया। मेरी मानसिकता ये थी कि मैं खेलने के लिए पर्याप्त अच्छा हूं, अगर मैं चोटिल होता हूं, तो ये भगवान की इच्छा है, मैं बच जाऊंगा।'
विराट कोहली ने विव रिचर्ड्स के साथ बातचीत में बाउंसर्स को लेकर अपने विचार भी शेयर किए और बताया कि कैसे बाउंसर उन्हें प्रेरित करते हैं। कोहली ने कहा, 'मेरा हमेशा से मानना है कि शुरू में ही बाउंसर का सामना करना अच्छा है। इससे मुझे प्रेरणा मिलती है कि दोबारा ऐसा नहीं होने पाये। शरीर पर उस दर्द को महसूस करके लगता है कि ऐसा फिर नहीं होना चाहिये।'
30 वर्षीय कोहली टेस्ट और वनडे में दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज हैं और विव रिचर्ड्स उनकी बैटिंग के प्रशंसक रहे हैं और 2013 में उन्होंने कहा था कि कोहली उनकी जवानी के दिनों की याद दिलाते हैं।