कगिसो रबादा ने कहा मुझे जल्दी नहीं आता गुस्सा, लेकिन गेंदबाज के तौर पर जुनून के कारण...

आक्रामकता के कारण कई बार मुसीबत का सामना करने वाले दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज कगिसो रबादा का कहना है कि उन्हें जल्दी गुस्सा नहीं आता है, लेकिन मैदान पर जुनून के कारण वह ऐसा कर जाते हैं।

By भाषा | Published: June 6, 2020 08:26 PM2020-06-06T20:26:02+5:302020-06-06T20:26:02+5:30

I am not short tempered, says South Africa Pacer Kagiso Rabada | कगिसो रबादा ने कहा मुझे जल्दी नहीं आता गुस्सा, लेकिन गेंदबाज के तौर पर जुनून के कारण...

कगिसो रबादा ने कहा मुझे जल्दी गुस्सा नहीं आता है। (फाइल फोटो)

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Highlightsइंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला के आखिरी मैच से रबादा को निलंबित कर दिया गया था।रबादा जो रूट का विकेट चटकाने के बाद जश्न मनाते हुए बल्लेबाज के काफी करीब पहुंच गए थे।

कोलकाता। खेल के मैदान में अपने आक्रामक व्यवहार के लिए कई बार मुसीबत का सामना करने वाले दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज कगिसो रबादा ने कहा कि वह जल्दी गुस्से में नहीं आते लेकिन गेंदबाज के तौर पर जुनून के कारण वह इस तरह से पेश आते है। इस साल इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला के आखिरी मैच से 25 साल के इस गेंदबाज को निलंबित (पिछले 24 महीने में चार डिमैरिट अंक होने पर) कर दिया गया था। वह श्रृंखला के तीसरे मैच में जो रूट का विकेट चटकाने के बाद जश्न मनाते हुए इंग्लैंड के इस कप्तान के काफी करीब पहुंच गये थे।

रबादा ने इंडियन प्रीमियर लीग की अपनी टीम दिल्ली कैपिटल्स के साथ इंस्टाग्राम चैट में शुक्रवार को कहा,‘‘ बहुत से लोगों को लगता है कि मैं जल्दी आपा खो देता हूं। मुझे हालांकि ऐसा नहीं लगता, यह सिर्फ जुनून के कारण होता है। इसके अलावा अगर आप छींटाकशी को देखते हैं तो यह खेल का हिस्सा है। हर तेज गेंदबाज ऐसा करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी तेज गेंदबाज बल्लेबाज से (खेल के दौरान) अच्छा व्यवहार नहीं नहीं करेगा। इसका मतलब यह नहीं है कि आप निजी या परिवार को लेकर टिप्पणी करे।’’

रबादा के निलंबन के बाद दक्षिण अफ्रीका ने उस मैच को गंवा दिया था और इंग्लैंड ने 3-1 से श्रृंखला अपने नाम की। इस तेज गेंदबाज को दो डिमैरिट अंक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2018 टेस्ट में मिले थे। इसके बाद उन्होंने भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को आउट करने के बाद अपशब्द कहे थे। रबादा ने कहा, ‘‘आप विकेट का जश्न मनाते हैं लेकिन मैच के बाद उस खिलाड़ी से हाथ भी मिलाते है और उसके कौशल का सम्मान करते है। ज्यादातर मौके पर मैं उस आक्रामक नहीं होता हूं लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हर खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता है।"

दक्षिण अफ्रीका के इस मुख्य गेंदबाज ने कहा, ‘‘ कभी कभी आपकी भावना आपको इसके लिए उकसाती है। मुझे लगता है ऐसे समय में मैं काफी खतरनाक रहता हूं क्योंकि मैं सोचना छोड़ देता हूं और सब कुछ खुद ब खुद होने लगता है।’’

दिल्ली की टीम से 2017 में जुड़ने के बाद रबादा ने शानदार प्रदर्शन किया। उनके प्रदर्शन के दम पर टीम 2019 में सात साल बाद पहली बार प्लेऑफ में पहुंचने में कामयाब रही। इस दौरान उनकी सबसे अच्छी गेंदबाजी कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ आयी। प्लेऑफ में केकेआर को जीतने के लिए 10 रन चाहिए थे और आंद्रे रसेल बल्लेबाजी कर रहे थे। रबादा ने इस स्थिति में भी टीम को जीत दिला दी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे याद है जब मैं उस सुपर ओवर में गेंदबाजी कर रहा था। वह सत्र हमारे लिए शानदार था।’’

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