मुंबई, 16 अगस्त: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर का 15 अगस्त 2018 को मुंबई में निधन हो गया, वह 77 साल के थे। भारत के लिए अपने आठ साल लंबे इंटरनेशनल करियर में उन्होंने 37 टेस्ट और दो वनडे खेले। वह इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की धरती पर टेस्ट सीरीज जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान थे। महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने वाडेकर की कप्तानी में ही डेब्यू किया था।
भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे महान भारतीय कप्तान माने जाने वाले अजीत वाडेकर का जीवन एक बस यात्रा ने पूरी तरह बदलकर रख दिया था। अगर ये बस यात्रा न होती तो शायद भारत 1971 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड की धरती पर ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत हासिल नहीं कर पाता।
अजीत वाडेकर की जीवन यात्रा अपने कॉलेज जाने वाली बस में बालू गुप्ते से हुई मुलाकात से बदली थी। गुप्ते ने वाडेकर को अपने मैचों के लिए 12वें खिलाड़ी की भूमिका निभाने को कहा था क्योंकि उनकी टीम में एक खिलाड़ी कम था। वाडेकर ने इसके लिए हामी भर दी थी और इस हां उनका जीवन हमेशा के लिए बदल दिया। इस यात्रा ने ही वाडेकर की जिंदगी में क्रिकेट की एंट्री कराई और वह अपने पिता की इंजीनियर बनने की इच्छा के बजाय क्रिकेटर बन गए और भारत को एक महान कप्तान मिला।
वाडेकर ने अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू 1958-59 में और अपना टेस्ट डेब्यू 1966 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था। उन्होंने अपने करियर में 37 टेस्ट में 2113 रन बनाए। वाडेकर की कप्तानी में ही भारत ने अपना पहला वनडे भी खेला था।
क्रिकेट से संन्यास के बाद वह भारतीय टीम के मैनेजर भी रहे और चयन समिति के प्रमुख भी रहे। बीसीसीआई ने 2016 में कानपुर में भारत के 500वें टेस्ट मैच के अवसर पर वाडेकर को सम्मानित भी किया था।