Highlightsपृथ्वी के लिए यहां तक पहुंचने का सफर कतई आसान नहीं था।महज चार साल की उम्र में ही पृथ्वी ने अपनी मां को इस दुनिया से जाते हुए देखा था।पृथ्वी शॉ का परिवार मूलत: बिहार के गया का रहने वाला है।
दिल्ली कैपिटल्स के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। पिछले तीन सीजन से दिल्ली के लिए खेलने वाले पृथ्वी ने अपनी बल्लेबाजी से टीम को कई अहम मौकों पर जीत दिलाने का काम किया है। पृथ्वी शॉ की बेहतरीन बल्लेबाजी का अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है कि पहले दो सीजन खेलने के बाद ही उन्हें भारतीय टेस्ट टीम के लिए डेब्यू करने के लिए मौका मिल गया था।
हालांकि, पृथ्वी के लिए यहां तक पहुंचने का सफर कतई आसान नहीं था। महज चार साल की उम्र में ही पृथ्वी ने अपनी मां को इस दुनिया से जाते हुए देखा था। इसके बाद से पिता पंकज को बेटे के लिए मां का भी फर्ज निभाया। पिता ने बेटे को क्रिकेटर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और हर मोड़ पर उसका बखूबी साथ दिया। पंकज ने बेटे को कभी मां की कमी नहीं खलने दी। कपड़े पहनाने से लेकर खिलाने--पिलाने और मैदान में अभ्यास के लिए छोडऩे तक की जिम्मेदारी पिता पंकज ने सलीके से निभाई।
यही वजह रही कि पृथ्वी आज इतने कामयाब क्रिकेटर हैं। ऑस्ट्रेलियाई पूर्व खिलाड़ी और दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पोंटिंग भी कई बार कह चुके हैं कि पृथ्वी शॉ भारतीय क्रिकेट के भविष्य हैं। भारतीय टीम के लिए खेलते हुए पृथ्वी ने अपने पहले ही टेस्ट में शानदार शतक लगाकर रिकी पोंटिंग की बात को कुछ हत तक सही भी साबित कर दिया।
पृथ्वी शॉ का परिवार मूलत: बिहार के गया का रहने वाला है। हालांकि अब परिवार महाराष्ट्रियन बन चुका है। बहुत पहले उनके पिता गया से महाराष्ट्र आकर बस गए। तीन बरस की उम्र में ही पिता पंकज पृथ्वी के दिलो-दिमाग में क्रिकेट के प्रति रुचि और प्यार विकसित करने में सफल रहे। जब पृथ्वी शॉ महज तीन साल के थे, तभी पिता ने विरार की क्रिकेट एकेडमी में उनका दाखिला करा दिया था।