नई दिल्ली, 11 अकटूबर। टीम इंडिया इंडिया के ऑलराउंडर खिलाड़ी हार्दिक पंड्या का जन्म 11 अक्टूबर 1993 को गुजरात के सूरत में हुआ था। अपनी धमाकेदार प्रदर्शन के कारण टीम इंडिया में जगह बनाने वाले हार्दिक चोट के कारण टी से बाहर चल रहे हैं। आज हार्दिक पंड्या के जन्मदिन के मौके पर हम आपको बता रहे हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें जो बहुत कम लोग ही जानते हैं।
आर्थिक रूप से काफी कमजोर था हार्दिक का परिवार
हार्दिक पंड्या भले ही आज क्रिकेट के स्टार हो, लेकिन एक समय था जब उन्हें आर्थिक मुसीबतों का सामना करना पड़ता था। हार्दिक बेहद साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता फाइनेंसिंग का काम करते थे, लेकिन इससे ज्यादा कमाई नहीं हो पाती थी। साल 2010 में हार्ट अटैक के बाद खराब होती सेहत के कारण वह नौकरी नहीं कर पाए और इस वजह से घर की हालत बेहद खराब हो गई।
नौवीं में होने के बाद क्रिकेट पर फोकस
हार्दिक पंड्या नौवीं क्लास में फेल हो गए थे, इसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और पूरी तरह से क्रिकेट पर फोकस किया। हार्दिक और उनके बड़े भाई क्रुणाल पांड्या के क्रिकेट के लिए उनका परिवार सूरत से बड़ौदा तक शिफ्ट हो गया।
हार्दिक से किरन मोरे ने नहीं ली फीस
बड़ौदा आने के बाद हार्दिक पंड्या और उनके बड़े भाई क्रुणाल पंड्या ने टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर किरन मोरे की एकेडमी ज्वाइन कर ली, लेकिन उनके पास फीस देने के पैसे नहीं थे। किरन मोरे ने पंड्या भाइयों को क्रिकेट के गुर सिखाने के लिए पहले तीन साल तक कोई फीस नहीं ली थी। किरन मोरे की सलाह पर ही हार्दिक एक मीडियम पेस गेंदबाज बने, पहले वो लेग स्पिन गेंदबाजी करते थे।
इरफान पठान ने दिया था अपना बैट
हार्दिक के परिवार की स्थिति इतनी खराब थी कि क्रिकेट खेलने के लिए उनके पास अपना बैट भी नहीं था। साल 2014 में विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान उन्होंने क्रिकेट खेलने के लिए इरफान पठान से उनका बैट मांगा था। पठान ने हार्दिक की मदद की और अपना बैट दे दिया।
मुंबई इंडियंस में आने के बाद बदली लाइफ
हार्दिक पंड्या की लाइफ आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस ज्वाइन करने के बाद बदली। साल 2015 में पंड्या के पहले लिस्ट-ए सीजन के दौरान मुंबई इंडियंस के तत्कालीन कोच जॉन राइट की नजर उनपर पड़ी। राइट ने पंड्या को ट्रायल के लिए बुलाया और ट्रायल के बाद ही मुंबई इंडियंस ने हार्दिक को बेस प्राइज पर अपनी टीम में शामिल कर लिया।