Highlightsसौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में हुआ था, भारत के लिए खेले 113 टेस्ट, 311 वनडेगांगुली की कप्तानी में भारत ने 49 टेस्ट में 21 जीते, वनडे में 146 मैचों में 76 जीते, 65 हारे
भारतीय क्रिकेट इतिहास के महानतम कप्तानों में शुमार सौरव गांगुली बुधवार (08 जुलाई) को 48 साल के हो गए। गांगुली वर्तमान में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। सौरव गांगुली को अपनी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट की दिशा और दशा बदलने का श्रेय जाता है।
साथ ही उनकी कप्तानी में कई युवा खिलाड़ियों को मौका मिला, जो आगे चलकर महान खिलाड़ी बने, इनमें युवराज सिंह, जहीर खान, हरभजन सिंह, आशीष नेहरा, वीरेंद्र सहवाग जैसे नाम शामिल हैं।
8 जुलाई 1972 को कोलकाता में जन्मे सौरव गांगुली ने भारत के लिए अपना डेब्यू 11 जनवरी 1992 को वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे मैच से किया था, जबकि टेस्ट डेब्यू उन्होंने 20 जून 1996 को इंग्लैंड के खिलाफ किया था। उनकी कप्तानी के सबसे यादगार पलों में 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घर में टेस्ट सीरीज जीत, 2002 में इंग्लैंड में नेटवेस्ट ट्रॉफी जीत, चैंपियंस ट्रॉफी में संयुक्त विजेता बनना, 2003 वर्ल्ड कप में उपविजेता बनना, 2003-04 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कंगारुओँ को कड़ी टक्कर देना शामिल हैं।
सौरव गांगुली ने अपने 113 टेस्ट में 16 शतकों, 35 अर्धशतकों की मदद से 7212 रन और अपने 311 वनडे में 22 शतकों और 72 अर्धशतकों की मदद से 11363 रन बनाए। गांगुली की कप्तानी में भारत ने 49 टेस्ट में 21 जीते, 13 हारे, 15 ड्रॉ रहे, वनडे में 146 मैचों में 76 जीते, 65 हारे। सौरव गांगुली को 1997 में अर्जुन अवॉर्ड और 2004 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
आइए जानें भारतीय क्रिकेट के महानतम कप्तानों में से एक सौरव गांगुली के बारे में 10 रोचक बातें।
सौरव गांगुली से जुड़ी 10 रोचक बातें
1.क्रिकेट के अलावा सौरव गांगुली फुटबॉल के भी बड़े फैन हैं और एक फुटबॉलर के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे। लेकिन उनके बड़े भाई स्नेहाशीष ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरेति किया। अजब संयोग ये रहा कि सौरव ने बंगाल रणजी टीम में अपने भाई स्नेहाशीष की जगह ली।
2.सौरव गांगुली सब कुछ दाएं हाथ से करते हैं-जैसे कि लिखना, गेंदबाजी करना और बाकी काम भी, लेकिन वह बाएं हाथ के बल्लेबाज इसलिए बने ताकि अपने भाई स्नेहाशीष की किट इस्तेमाल कर सके, स्नेहाशीष बाएं हाथ के बल्लेबाज थे।
3.सौरव गांगुली ने 1996 में लॉ़र्ड्स में अपने टेस्ट डेब्यू में 131 रन की पारी खेली, ये इस ऐतिहासिक मैदान पर किसी भी इंरनेशनल खिलाड़ी का डेब्यू मैच में सर्वाधिक स्कोर का रिकॉर्ड है।
4.सौरव गांगुली अपने डेब्यू टेस्ट पारी में सेंचुरी बनाने और आखिरी टेस्ट पारी की पहली गेंद पर आउट होने वाले एकमात्र बल्लेबाज हैं।
5.सौरव गांगुली ने भारत के लिए अपना डेब्यू 1992 में ब्रिस्बेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था, लेकिन उन्हें उनके कथित 'एटिट्यूड' के लिए टीम से बाहर कर दिया गया था। गांगुली ने तब कथित तौर पर 12वें खिलाड़ी के तौर पर मैदान में ड्रिंक्स ले जाने से इनकार कर दिया था, हालांकि दादा इस आरोप से इनकार करते हैं।
6.सौरव गांगुली को टेस्ट डेब्यू का मौका 1996 में इंग्लैंड दौरे पर नवजोत सिंह सिद्दू की कप्तान अजहरुद्दीन के साथ अनबन के बाद भारत वापस चले जाने के बाद मिला था। गांगुली ने लॉर्ड्स में टेस्ट डेब्यू में शतक ठोक दिया था।
7.सौरव गांगुली और भारत के एक और महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने एक ही मैच से (1996, लॉर्ड्स टेस्ट) भारत के लिए अपना टेस्ट डेब्यू किया था।
8.सौरव इंग्लैंड के सफल दौरे के बाद अपनी प्रेमिका डोना के साथ घर से भाग गए थे। उस समय दोनों परिवारों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं थे, लेकिन बाद में दोनों परिवारों की सहमति से 21 फरवरी 1997 को सौरव और डोना की शादी हुई।
9.पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले स्थित राजरहार इलाके में 1.5 किमी लंबी सड़क सौरव के नाम पर है। सौरव गांगुली एवेन्यू नामक इस रोड का उद्घाटन खुद सौरव ने ही किया था।
10.सौरव गांगुली का परिवार कोलकाता के सबसे अमीरों में से रहा है। उनके पिता प्रिंटिंग का बिजनेस चलाते थे। सौरव के बेहला स्थित घर में उनके संयुक्त परिवार के 30 सदस्य रहते हैं और घर में 45 कमरे हैं।