भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में हुआ था। गांगुली ने अपने 12 साल लंबे क्रिकेट करियर में करीब पांच सालों तक टीम इंडिया की कप्तानी और उसे 'सिर्फ घर में जीतने वाली टीम' के ठप्पे से बाहर निकालते हुए विदेशी धरती पर जीत हासिल करने वाली टीम में बदल दिया। टीम इंडिया उनकी कप्तानी में विश्व कप-2003 के फाइनल तक पहुंचा था।
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 20 जून 1996 को लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच से अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। 5 फुट और 11 इंच कद के इस खिलाड़ी ने भारत की ओर से 6 नवंबर 2008 को आखिरी मैच खेला था।
भारत की ओर से 311 वनडे खेलने वाले गांगुली ने इस फॉर्मेट में 40.73 की औसत के साथ 11,363 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 22 शतक समेत 72 अर्धशतक भी जमाए। वहीं बात अगर टेस्ट की करें तो 113 मैचों में इस खिलाड़ी ने 1 दोहरा शतक, 16 शतक और 35 अर्धशतक की मदद से 7,212 रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट में गांगुली ने 900 चौके और 57 छक्के जड़े हैं। वहीं वनडे में 1122 चौके और 190 छक्के। आईपीएल करियर में गांगुली ने 59 मैचों में 7 फिफ्टी की मदद से 1349 रन बनाए हैं। आइए, नजर डालते हैं कुछ रोचक तथ्यों पर...
रिकॉर्ड्स में गांगुली:
- लॉर्ड्स टेस्ट से अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले गांगुली डेब्यू टेस्ट की दोनों पारियों में सेंचुरी लगाने वाले तीसरे खिलाड़ी थे।
- सौरव गांगुली वनडे क्रिकेट में छक्के लगाने के मामले में आज भी टॉप-10 में हैं। गांगुली ने 311 वनडे मैचों में 190 छक्के लगाए थे।
- गांगुली वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 6000 रन पूरा करने के मामले में पांचवें स्थान पर हैं। गांगुली ने अपने 152वें मैच में ये कारनामा किया था। इस फेहरिस्त में विराट कोहली (126 मैच) नंबर-1 पर हैं।
- सौरव गांगुली-सचिन तेंदुलकर की जोड़ी के नाम वनडे में सर्वाधिक रन की साझेदारी का रिकॉर्ड दर्ज है। दोनों ने 176 पारियों में 8227 रन बनाए हैं। वहीं माहेला जयवर्धने और कुमार संगाकारा दूसरे स्थान पर हैं, जिन्होंने 151 पारियों में 5992 रन बनाए थे।
- सौरव गांगुली को 31 बार वनडे क्रिकेट में मैन ऑफ द मैच चुना गया है। इस मामले में वह आठवें पायदान पर हैं। सचिन (62) इस मामले में टॉप पर हैं।
- गांगुली वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक शतक जड़ने वाले दसवें खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपने एकदिवसीय करियर में कुल 22 शतक लगाए थे।
- गांगुली ने एक कैलेंडर ईयर (1999) में 51 मैचों में कुल 2580 रन (वनडे + टी20 + टेस्ट) बनाए थे। इस मामले में वह 11वें स्थान पर हैं।
- गांगुली ने अपनी कप्तानी में भारत को 49 टेस्ट में से 21 में जीत दिलाई थी। इस मामल में महेंद्र सिंह धोनी (60/27) नंबर-1 भारतीय कैप्टन हैं।
- गांगुली ने तीनों फॉर्मेट में कुल 18575 रन बनाए हैं। वह इस मामले में चौथे शीर्ष भारतीय हैं।
- सौरव गांगुली ने भारत को विदेशी धरती पर 28 में से 11 टेस्ट में जीत दिलाई थी। इस मामले में वह विराट कोहली के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
आइए जानें इस महान कप्तान से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक बातें, जो आप नहीं जानते होंगे...
- सौरव गांगुली भले ही बाएं हाथ के बल्लेबाज हों लेकिन वह दाएं हाथ से लिखते हैं, दाएं हाथ से गेंदबाजी करते हैं, यानी वह आम जीवन में राइट हैंड वाले व्यक्ति हैं। लेकिन अपने बड़े भाई स्नेहाशीष के क्रिकेट किट का उपयोग करने के लिए गांगुली न बाएं हाथ से बैटिंग शुरू की थी और फिर बाएं हाथ के बल्लेबाज ही बन गए।
- सौरव गांगुली को बंगाल रणजी टीम में उनके बड़े भाई स्नेहाशीष की जगह शामिल किया गया था।
- 1996 में इंग्लैंड दौरे से वापस आने के बाद गांगुली अपनी बचपन की दोस्त डोना के साथ घर से भाग गए थे। हालांकि बाद में दोनों परिवार शादी के लिए मान गए और 21 फरवरी 1997 में दोनों की शादी हो गई।
- कहा जाता है कि सौरव गांगुली बहुत ही धार्मिक व्यक्ति हैं और हर मंगलवार व्रत रखते हैं।
- कोलकाता के पास स्थिति उत्तर 24 परगना के राजरहाट में 1.5 किलोमीटर लंबी सड़क का नाम सौरव गांगुली के नाम पर रखा गया है। गांगुली ने खुद इस सड़का का उद्घाटन किया था।
- सौरव गांगुली को 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में अपने टेस्ट डेब्यू का मौका इसलिए मिला क्योंकि नवजोत सिंह सिद्धू तब के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के खराब व्यवहार से नाराज होकर दौरा बीच में ही छोड़कर स्वदेश वापस लौट गए थे।
- सौरव गांगुली ने अपना इंटरनेशनल क्रिकेट डेब्यू 1992 में ही कर लिया था, लेकिन कथित तौर पर उनके 'रवैये' की वजह से उन्हें कई सालों तक मौका नहीं मिला। कहा जाता है उस दौरे पर गांगुली ने 12वें खिलाड़ी के तौर पर मैदान में ड्रिंक्स लेने जाने से मना कर दिया था।
- सौरव गांगुली के नाम वनडे में एक कैलैंडर साल में छह बार 1000 से ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है।
- गांगुली ने 1992 में भारतीय टीम से बाहर होने के बाद प्रैक्टिस के लिए अपने घर में ही बॉलिंग मशीन लगवा ली थी।
- गांगुली के कहने पर तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने संन्यास लेने के बावजूद तीन बार वापसी की थी।