"गोरों से इंडिया की तरक्की बर्दाश्त नहीं होती," हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर बोले वीरेंद्र सहवाग

वीरेंद्र सहवाग ने हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि पश्चिम भारत के उत्थान को संभाल नहीं सकता है और भारत के पूंजी बाजारों में उथल-पुथल करने वाली घटनाएं "एक सुनियोजित साजिश की तरह दिखती हैं।"

By रुस्तम राणा | Published: February 6, 2023 11:13 PM2023-02-06T23:13:30+5:302023-02-06T23:22:02+5:30

"Goron Se India Ki Tarakki...": Virender Sehwag On Adani-Hindenburg Row | "गोरों से इंडिया की तरक्की बर्दाश्त नहीं होती," हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर बोले वीरेंद्र सहवाग

"गोरों से इंडिया की तरक्की बर्दाश्त नहीं होती," हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर बोले वीरेंद्र सहवाग

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Highlightsसहवाग ने ट्वीट में लिखा, गोरों से इंडिया की तरक्की बर्दाश्त नहीं होतीपूर्व क्रिकेटर ने कहा- भारत के बाजार पर हिटजॉब एक सुनियोजित साजिश लगती हैबोले- कोशिश कितनी भी कर लें लेकिन हमेशा की तरह भारत और मजबूत ही निकलकर उभरेगा

नई दिल्ली: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद भारतीय अरबपति गौतम अडानी को नुकसान हुआ है। शेयर बाजार में अडानी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में गिरावट आने से उनकी व्यक्तिगत संपत्ति में काफी गिरावट आई है। शेयर मार्केट के साथ-साथ इसको लेकर देश की सियासत में भी उथल-पुथल जारी है। इस बीच टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने शुक्रवार को एक ट्वीट किया है जिसे हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जोड़कर देखा जा रहा है। 

भारत के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज द्वारा साझा किए गए ट्वीट में भारत के पूंजी बाजारों में उथल-पुथल को पश्चिम द्वारा "हिट जॉब" बताया है। सहवाग ने हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि पश्चिम भारत के उत्थान को संभाल नहीं सकता है और भारत के पूंजी बाजारों में उथल-पुथल करने वाली घटनाएं "एक सुनियोजित साजिश की तरह दिखती हैं।"

सहवाग ने ट्वीट में लिखा, "गोरों से इंडिया की तरक्की बर्दाश्त नहीं होती। भारत के बाजार पर हिटजॉब एक सुनियोजित साजिश लगती है। कोशिश कितनी भी कर लें लेकिन हमेशा की तरह, भारत और मजबूत ही निकलकर उभरेगा।"

सहवाग अक्सर अपने सोशल मीडिया पोस्ट में करंट अफेयर्स पर अपने विचार साझा करते हैं। अरबपति गौतम अडानी के समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को भारत, इसकी संस्थाओं और विकास की कहानी पर "सुनियोजित हमला" बताया था। साथ ही रिपोर्ट में लगाए आरोपों को भी निराधार बताया था। 

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के कुछ दिनों बाद 29 जनवरी को 413 पन्नों के जवाब में, अडानी समूह ने कहा कि रिपोर्ट "झूठा बाजार बनाने" के "एक छिपे हुए मकसद" से प्रेरित थी, ताकि अमेरिकी फर्म को वित्तीय लाभ मिल सके। कुछ लोगों ने इस सिद्धांत का समर्थन किया कि शॉर्ट सेलर, नाथन एंडरसन (जो हिंडनबर्ग रिसर्च चलाते हैं) ने पैसा बनाने के स्वार्थ के साथ रिपोर्ट प्रकाशित किया। 

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