पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर का कैंसर की बीमारी से निधन, 38 साल तक कायम रहा था तूफानी बैटिंग का रिकॉर्ड

Bruce Yardley: ऑस्ट्रेलिया के लिए 33 टेस्ट मैच खेलने वाले पूर्व क्रिकेटर ब्रूस यार्डली का कैंसर की लंबी बीमारी के बाद 27 मार्च को 71 वर्ष की उम्र में निधन हो गया

By अभिषेक पाण्डेय | Published: March 28, 2019 11:40 AM2019-03-28T11:40:49+5:302019-03-28T11:40:49+5:30

Former Australian bowler Bruce Yardley passes away aged 71 | पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर का कैंसर की बीमारी से निधन, 38 साल तक कायम रहा था तूफानी बैटिंग का रिकॉर्ड

ब्रूस यार्डली ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 33 टेस्ट में 126 विकेट लिए थे

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पूर्व ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज और प्रभावशाली कोच रहे ब्रूस यार्डली का  कैंसर से लंबे समय से जूझते हुए 71 वर्ष की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। यार्डली ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत मीडियर पेसर के तौर पर की थी लेकिन तेज गेंदबाजों के दबदबे वाले युग में 27 की उम्र में वह पूरी तरह से ऑफ स्पिनर बन गए।

यार्डली ने ऑस्ट्रेलिया के लिए अपना टेस्ट डेब्यू 1978 में भारत के खिलाफ ऐडिलेड टेस्ट में किया था। गेंद पर अपनी असामान्य पकड़ के बावजूद यार्डली ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 1978 से 1983 के बीच अपने 33 टेस्ट में 126 विकेट झटके और 4 अर्धशतकों की मदद से 978 रन भी बनाए। 

यार्डली के करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1982 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सिडनी टेस्ट में दूसरी पारी में 98/7 के प्रदर्शन समेत मैच में 10 विकेट हासिल करना रहा।

यार्डली ने 29 गेंदों में जड़ी थी टेस्ट फिफ्टी, 38 साल तक कायम रहा था रिकॉर्ड

यार्डली को साथ ही 1977-78 में वेस्टइंडीज के खतरनाक पेट अटैक के सामने महज 29 गेंदों में अर्धशतक ठोकने के लिए भी याद किया जाता है। अपनी उस पारी में यार्डली ने एंडी रॉबर्ट्स, कोलिन क्रॉफ्ट और जोएल गार्नर जैसे तेज गेंदबाजों की मौजदूगी के बावजूद महज 29 गेंदों में हाफ सेंचुरी जड़ दी थी, ये रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के लिए 38 सालों तक कायम रहा था।  

ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे तेज टेस्ट फिफ्टी का उनका रिकॉर्ड 38 साल बाद जनवरी 2017 में डेविड वॉर्नर ने तोड़ा था।

इसके अलावा यार्डली ने अपने 105 प्रथम श्रेणी मैचों में 344 विकेट लिए और 90 के दशक में वह श्रीलंका के कोच भी बने थे।

यार्डली ने 1985 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। वह 1996 से 1998 के दौरान श्रीलंका के कोच रहे थे और कई ऑस्ट्रेलिया लोगों के उलट श्रीलंका के महान स्पिनर रहे मुथैया मुरलीधरन के गेंदबाजी ऐक्शन के समर्थक रहे थे। 

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