इंग्लैंड के खिलाड़ियों के संगठन ने कहा, पाक दौरे मामले पर कोई राय नहीं दी

By भाषा | Published: September 24, 2021 07:57 PM2021-09-24T19:57:54+5:302021-09-24T19:57:54+5:30

England players' organization said, did not give any opinion on the Pak tour matter | इंग्लैंड के खिलाड़ियों के संगठन ने कहा, पाक दौरे मामले पर कोई राय नहीं दी

इंग्लैंड के खिलाड़ियों के संगठन ने कहा, पाक दौरे मामले पर कोई राय नहीं दी

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कराची, 24 सितंबर इंग्लैंड के क्रिकेट खिलाड़ियों के संगठन ने दावा किया है कि उनके बोर्ड ने पाकिस्तान के दौरे को रद्द करने के फैसले को लेकर उनसे कोई राय नहीं मांगी थी।

खिलाड़ियों के संगठन से यह बयान आने के बाद पीसीबी ने आश्चर्य व्यक्त किया है।

न्यूजीलैंड के एकदिवसीय श्रृंखला के शुरूआती मैच से पहले पाकिस्तान दौरे को रद्द करने के बाद इंग्लैंड ने भी अपने दौरे को रद्द कर दिया था। इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए यह दौरा रद्द किया था।

इंग्लैंड के पेशेवर क्रिकेटरों की जरूरतों को पूरा करने और उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए ईसीबी (इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड) के साथ मिलकर काम करने वाली संस्था ‘टीम इंग्लैंड प्लेयर पार्टनरशिप (टीईपीपी)’ के बयान में कहा गया कि पाकिस्तान दौरे को लेकर बोर्ड के फैसले में उसकी कोई भूमिका नहीं है।

ब्रिटिश मीडिया ने टीईपीपी के प्रवक्ता के हवाले से कहा, ‘‘ किसी भी स्तर पर ईसीबी ने ‘टीम इंग्लैंड प्लेयर पार्टनरशिप’ या पुरुषों और महिलाओं टीमों से यह नहीं पूछा कि क्या दौरा आगे बढ़ना चाहिए या क्या खिलाड़ी पाकिस्तान दौरे के लिए तैयार थे।’’

उन्होंने बताया, ‘‘ ‘टीम इंग्लैंड प्लेयर पार्टनरशिप’ ने किसी भी स्तर पर ईसीबी को सूचित नहीं किया है कि खिलाड़ी दौरा नहीं करेंगे। ईसीबी बोर्ड ने पिछले रविवार को पाकिस्तान दौरे पर चर्चा करने के लिए बैठक की।’’

खिलाड़ियों के संगठन के बयान पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने हैरानी जताई क्योंकि ईसीबी ने स्पष्ट रूप से यह धारणा दी कि उसने खिलाड़ियों के मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए दौरे को रद्द कर दिया।

पीसीबी के एक अधिकारी ने कहा ‘‘ऐसी स्थिति होना आश्चर्यजनक है। हम खिलाड़ियों (संगठन) के इस स्पष्टीकरण को ईसीबी के समक्ष उठाएंगे।’’

पीसीबी के एक सूत्र ने कहा, ‘‘ पाकिस्तान उन सभी कानूनी संसाधनों का अध्ययन कर रहा है जिसके तहत दोनों बोर्डों से मुआवजे की मांग की जा सकती हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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