GCA के पूर्व अधिकारी पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा, 4.13 करोड़ की संपत्ति जब्त, जानिए क्या है मामला

ईडी ने जिस अधिकारी की संपत्ति जब्त की है उसका नाम दयानंद नार्वेकर है। दयानंद पर बीसीसीआई से मिली अनुदान राशि में घपला करने का आरोप है।

By कोमल बड़ोदेकर | Published: March 26, 2018 08:50 PM2018-03-26T20:50:20+5:302018-03-26T20:50:20+5:30

Enforcement Directorate attaches properties of Goa Cricket Association's former office bearers | GCA के पूर्व अधिकारी पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा, 4.13 करोड़ की संपत्ति जब्त, जानिए क्या है मामला

GCA के पूर्व अधिकारी पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा, 4.13 करोड़ की संपत्ति जब्त, जानिए क्या है मामला

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पणजी, 26 मार्च। प्रवर्तन निदेशालय ने गोवा क्रिकेट एसोसिएशन के एक पूर्व अधिकारी की 4 करोड़ 13 लाख रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करते हुए जांच भी शुरू कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईडी ने जिस अधिकारी की संपत्ति जब्त की है उसका नाम दयानंद नार्वेकर है। दयानंद पर बीसीसीआई से मिली अनुदान राशि में घपला करने का आरोप है। 


ये है मामला

इससे पहले पुलिस गोवा क्रिकेट एसोसिएशन के जून 2016 में तत्कालीन अध्यक्ष समेत तीन लोगों को धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर चुकी थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में जीसीए के अध्यक्ष चेतन देसाई, सचिव विनोद फडके और खजांची अकबर मुल्ला शामिल थे। इन्हें जीसीए के पूर्व सचिव विलास देसाई की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने फर्जी एकाउंट बनाए और बीसीसीआई की ओर से मिलने वाली अनुदान राशि से करीब 3 करोड़ 13 रुपये का गबन किया।

ये मामला करीब 12 साल पुराना है। इस दौरान फडके और चेतन देसाई जीसीए के अध्यक्ष रहे और विलास देसाई खजांची पद पर थे। उसके बाद विलास देसाई की जगह अकबर मुल्ला को लाया गया। साल 2006 में इन तीनों अधिकारियों ने मिलकर फर्जी एकाउंट्स खुलवाये और जो चेक 2.87 करोड़ रूपये का बीसीसीआई की ओर से जीसीए को जारी किया गया था उसे उसमें जमा किया गया। 

इसके ठीक दो साल 2008 में चेतन देसाई, फडके और मुल्ला ने मिलकर बीसीसीआई की ओर से जारी एक अन्य रकम करीब 26 लाख रूपये के चेक को इस फर्जी एकाउंट में जमा कराया।

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