इशांत ने कहा, 'जब मैं माही भाई की कप्तानी में खेला था, तो उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया। ऐसा भी समय था जब मैं टीम से बाहर होने वाला था, लेकिन मैं बाहर नहीं हुआ। आप देख सकते हैं कि मैदान पर वह ऐसी सलाह देते हैं, जिसकी जरूरत होती है। वह टीम की महान संपत्ति हैं। वह कप्तान की मदद करते हैं। वह लेजेंड हैं। वह टीम के लिए क्या हैं, आप ये शब्दों में बयां नहीं कर सकते।'
विराट कोहली की कप्तानी के बारे में पूछे जाने पर इशांत ने कहा, 'विराट के मामले में, टीम का एक वरिष्ठ खिलाड़ी होने के नाते, वह हमेशा मेरे पास आते हैं और मुझसे कहते हैं, मुझे पता है कि तुम थके हो, लेकिन तुम्हें खेलते रहने की जरूरत है। मुझे तुम पर भरोसा है।'
क्यों इंशात को खुद को टेस्ट विशेषज्ञ गेंदबाज कहलाना नहीं पसंद
80 वनडे और 90 टेस्ट मैच खेलने वाल इशांत शर्मा को टेस्ट विशेषज्ञ गेंदबाज माना जाता है। लेकिन इशांत को ये टैग पसंद नहीं है। उन्होंने कहा, धारणा ने मेरे वनडे टीम का हिस्सा न होने में बड़ी भूमिका निभाई है। मुझे अब भी नहीं पता कि ये धारणाएं कहां से आती हैं।'
'मैं इस टैग से थक गया हूं कि मैं अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं। अब मैं सिर्फ विकेट लेना चाहता हूं। विकेट ही वह चीज है जो उस चीज को बदल सकती है, जिसे आप 'धारणा' कहते हैं।'
इस तेज गेंदबाज ने कहा, 'जो भी लाल गेंद से अच्छा कर सकता है, वह किसी भी फॉर्मेट में अच्छा कर सकता है। यही हर क्रिकेट का आधार है। आपको सिर्फ अपनी विविधताओं के समर्थन की जरूरत होती है, जो आपको सफेद गेंद से भी करना होता है। अगर मैं इस फॉर्मेट में अच्छा करता हूं, तो मुझे पूरा यकीन है कि मैं वर्ल्ड कप में जाने वाला चौथा तेज गेंदबाज हो सकता हूं। भारतीय टीम अब भी चौथे पेसर की तलाश रही है।'