एमएस धोनी मुखर नहीं लेकिन कप्तान के रूप में विराट कोहली जितने ही आक्रामक थे: पूर्व चयनकर्ता गगन खोड़ा

MS Dhoni, Virat Kohli: भारतीय टीम के पूर्व चयनकर्ता गगन खोड़ा ने कहा है कि कप्तान के रूप में एमएस धोनी मुखर नहीं थे लेकिन विराट कोहली जितने ही आक्रामक थे

By अभिषेक पाण्डेय | Published: August 9, 2020 02:43 PM2020-08-09T14:43:44+5:302020-08-09T14:43:44+5:30

Dhoni not vocal but was equally aggressive captain as Virat Kohli: Gagan Khoda | एमएस धोनी मुखर नहीं लेकिन कप्तान के रूप में विराट कोहली जितने ही आक्रामक थे: पूर्व चयनकर्ता गगन खोड़ा

गगन खोड़ा ने कहा कि कप्तान के रूप में विराट कोहली जितना ही आक्रामक थे धोनी (Twitter)

googleNewsNext
Highlightsधोनी आक्रामक और सुरक्षित थे। आपको एक कप्तान के रूप में सुरक्षित होना होता है: गगन खोड़ाविराट कोहली आक्रामक हैं और सुरक्षित रहना सीख रहे हैं: खोड़ा

भारत को दो वर्ल्ड कप जिताने वाले पूर्व कप्तान एमएस धोनी का भारतीय क्रिकेट में योगदान अतुलनीय है। धोनी को कप्तान के रूप में उनके शांत और सामूहिक दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है जो अक्सर दूसरों से अलग बनाता है। हालांकि धोनी के शांत होने का मतलब ये कतई नहीं है कि वह आक्रामक कप्तान नहीं थे।

पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता गगन खोड़ा ने हाल ही में स्पोर्ट्सकीडा के साथ लाइव चैट के दौरान धोनी के नेतृत्व गुणों के बारे में बात की और बताया कि कैसे लोग अक्सर धोनी के शांत होने को उनके आक्रामक नहीं होने की बात को लेकर भ्रमित होते हैं।

कप्तान के रूप में कोहली जितने ही आक्रामक थे धोनी: गगन खोड़ा

2015 में बीसीसीआई द्वारा राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में नियुक्त किए गए खोड़ा को राष्ट्रीय टीम के साथ काम करने के दौरान धोनी की कप्तानी को करीब से देखने को मिला। उन्होंने बताया कि कप्तानी की बात आने पर धोनी भी कोहली की तरह ही आक्रामक थे लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान को पता था कि कब आक्रमण करना है और कब नहीं।

टाइम्स नाउ के मुताबिक खोड़ा ने स्पोर्ट्सकीडा के साथ लाइव चैट में कहा, 'वे कहते हैं कि विराट कोहली बहुत आक्रामक हैं, लेकिन एमएस धोनी नहीं हैं। मुझे इस पर विश्वास नहीं है। आक्रामकता मुखर होना नहीं है। एमएस धोनी आक्रामक और सुरक्षित थे। आपको एक कप्तान के रूप में सुरक्षित होना होता है। विराट कोहली आक्रामक हैं और सुरक्षित रहना सीख रहे हैं। वह बहुत जल्दी सीख रहे हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि एमएस धोनी मुखर नहीं हैं, लेकिन वे उतने ही आक्रामक हैं।'

धोनी में आक्रामकता और रक्षात्मक दोनों गुण थे: खोड़ा

उन्होंने आगे बताया कि एक कप्तान के लिए स्थिति के अनुसार आक्रामक और रक्षात्मक होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि धोनी में एक कप्तान के रूप में दोनों गुणों का एक आदर्श मिश्रण था जो उन्हें इतना सफल बनाता है।

पूर्व चयनकर्ता ने कहा, 'आप हर समय आक्रमण नहीं कर सकते और आक्रामक नहीं हो सकते हैं। आपको आक्रामक और सुरक्षित रहना होगा। एमएस धोनी दोनों का मिश्रण थे। विराट कोहली वहां पहुंच रहे हैं।'

2017 में सीमित ओवरों के फॉर्मेट में टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ने से पहले धोनी 2014 में टेस्ट कप्तानी से हट गए थे। कोहली 2017 के बाद से खेल के सभी तीनों प्रारूपों में भारत का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन अभी तक एक वह एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाए हैं। उनके नेतृत्व में भारत 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा और पिछले साल 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचा।

Open in app