DDCA लोकपाल ने रजत शर्मा को दिया पद पर बने रहने का आदेश, सिद्धांतों का हवाला देकर दिया था इस्तीफा

रजत शर्मा ने बिना किसी का नाम लिए लगातार जारी ‘‘खींचतान और दवाब’’ के बीच अपनी असमर्थता जताते हुए कल पद से त्यागपत्र दे दिया था।

By भाषा | Published: November 18, 2019 09:41 AM2019-11-18T09:41:14+5:302019-11-18T09:41:14+5:30

ddca ombudsman ask Rajat Sharma to continue discharging their duties | DDCA लोकपाल ने रजत शर्मा को दिया पद पर बने रहने का आदेश, सिद्धांतों का हवाला देकर दिया था इस्तीफा

DDCA लोकपाल ने रजत शर्मा को दिया पद पर बने रहने का आदेश, सिद्धांतों का हवाला देकर दिया था इस्तीफा

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Highlightsडीडीसीए के लोकपाल ने वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा को अध्यक्ष पद पर बने रहने का आदेश दिया।रजत शर्मा ने ‘खींचतान और दवाब’ के बीच अपनी असमर्थता जताते हुए त्यागपत्र दे दिया था।

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के लोकपाल अवकाश प्राप्त न्यायाधीश बीडी अहमद ने रविवार को निलंबित महासचिव विनोद तिहारा को दोबारा पद पर बहाल किए जाने पर रोक लगाते हुए वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा को अध्यक्ष पद पर बने रहने का आदेश दिया। शर्मा ने बिना किसी का नाम लिए लगातार जारी ‘‘खींचतान और दवाब’’ के बीच अपनी असमर्थता जताते हुए कल पद से त्यागपत्र दे दिया था।

लोकपाल ने अपने निर्देश में कहा है कि अध्यक्ष की शक्तियां वापस लेने के लिए पारित प्रस्ताव में प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है और तिहारा का निलंबन वापस नहीं हो सकता है क्योंकि यह मामला लोकपाल के पास लंबित है।

 रजत शर्मा ने बयान में कहा, ‘‘यहां क्रिकेट प्रशासन हर समय खींचतान और दबावों से भरा होता है। मुझे लगता है कि यहां निहित स्वार्थ हमेशा क्रिकेट के हितों के खिलाफ सक्रिय रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि डीडीसीए में निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता के सिद्धांतों के साथ चलना संभव नहीं है जिनसे कि मैं किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करूंगा।’’

बता दें कि रजत शर्मा पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली का समर्थन मिलने पर क्रिकेट प्रशासन से जुड़े थे। डीडीसीए के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि जेटली के निधन के बाद शर्मा कमजोर पड़ गये थे क्योंकि पूर्व वित्त मंत्री संस्था के विभिन्न गुटों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाते थे। 

उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे अपने प्रयास में कई तरह की बाधाओं, विरोध और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, बस मुझे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीकों से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकना था। इसलिए मैंने हटने का फैसला किया है और डीडीसीए अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से अपना त्यागपत्र शीर्ष परिषद को सौंप दिया है।’’

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