Highlights मेरे दरवाजे के पास भूख से बेहोश हो गया था: मजदूरों की हालत पर शमीयहां कई प्रवासी मजदूर हैं, जो सच में संघर्ष कर रहे हैं: शमी
टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा स्थित अपने गृह नगर में दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में अपने दरवाजे पर आए भूख से पीड़ित एक जरूरतमंद की मदद की, जो राजस्थान से बिहार जा रहा था।
कोविड-19 लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों और दिहाड़ी मजदूरों के लिए बेहद कठिनाई भरा रहा है। आईएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, टीम इंडिया के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल से इंस्टाग्राम पर एक लाइव सेशन के दौरान शमी ने कहा कि वह अपने गृहनगर में जरूरतमंदों को खाना और आश्रय उपलब्ध करवाने में मदद के लिए एक समूह के साथ काम कर रहे हैं।
मेरे घर के दरवाजे के पास बेहोश हो गया था एक शख्स: शमी
शमी ने इस दौरान एक घटना का जिक्र किया जिसमें उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति की मदद की जो उनके दरवाजे पर बेहोश हो गया था।
शमी ने कहा, 'वह राजस्थान से आ रहा था। जरा सोचिए उसे बिहार जाना था, जो कि लखनऊ से काफी दूर है। उसके पास यात्रा का कोई साधन नहीं था और मैंने अपने घर के सीसीटीव कैमरा में देखा कि वह मेरे दरवाजे के पास भूख से बेहोश हो गया था। इसलिए मैंने उसे खाना और मदद मुहैया करवाई।'
29 वर्षीय तेज गेंदबाज शमी ने कहा, 'मैं जितना संभव हो मदद की कोशिश कर रहा हूं। यहां कई प्रवासी मजदूर हैं, जो सच में संघर्ष कर रहे हैं। हाईवे मेरे घर के पास है तो मैं देख सकता हूं कि लोगों को मुश्किलें हो रही हैं। मुझे लगता है कि मुझे मदद करनी चाहिए और जितना संभव हो मैं कर रहा हूं।'
वहीं शमी ने इस लाइव सेशन के दौरान मजाकिया अंदाज में कहा कि घर पर आइसोलेशन के दौरान टीम इंडिया के खिलाड़ी खाना बनाना जरूर सीख लेंगे।
उन्होंने कहा, 'मैंने खाना बनाना सीख लिया है। मैं किचन में जाकर अपनी मां की मदद करता हूं।'
शमी ने 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू को अपना सबसे यादगार क्षण करार दिया। शमी ने उस मैच की दूसरी पारी में 5 विकेट समेत मैच में कुल 9 विकेट लिए थे, जिसकी मदद से भारत ने एक पारी और 51 रन से जीत हासिल की थी।
उन्होंने कहा, 'ये मेरा सबसे पसंदीदा पल है, ये मैच कोलकाता के ईडन गार्डंस में खेला गया था।'